बाल श्रमिकों का विद्यालयों में दाखिला दिलाना अनिवार्य किया जाएगा, दृष्टिबाधित बच्चों को भी मिलेगा 200 रूपए रीडर एलाउंस


लखनऊ । राजधानी सहित अन्य जनपदों में 14 वर्ष आयु वर्ग के बाल श्रमिकों को अब शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। इसके लिए इन बाल श्रमिकों को विद्यालयों में दाखिला दिलाना अनिवार्य किया जाएगा।

इस संबंध में मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक महेन्द्र सिंह राणा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेज दिया है।उन्होंने बताया कि गत दिनों श्रमायुक्त की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था, जिसमें बाल श्रमिकों को लेकर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि जो आंकड़े जारी हुए हैं, उस आधार पर ग्रामीण व शहरी कलस्टर में बाल श्रमिकों की संख्या काफी है। इन सभी को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गयी है। इसके लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गये हैं कि वे बाल श्रमिकों को चिन्हित करने के लिए जिला स्तरीय सव्रेक्षण कार्यक्रम आयोजित करें।

प्रवासी परिवारों जो ईट भट्ठा आदि में काम करते हैं, उनके बच्चों के प्रवेश के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। बाल श्रमिकों का विशेष स्कूलों में नियमित कक्षाओं में प्रवेश करने, गुणवत्ता परक शिक्षा उपलब्ध कराने, नि:शुल्क किताबें व यूनीफार्म आदि देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गये हैं।

लखनऊ । माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले दृष्टिहीन बच्चों को अब रीडर एलाउंस के रूप में हर माह दो सौ रपए की धनराशि दी जाएगी। दस माह तक मिलने वाली यह धनराशि सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके लिए केन्द्र सरकार ने बजट अनुमोदित कर दिया है। राज्य परियोजना निदेशक जितेन्द्र कुमार ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। केन्द्र सरकार ने आईईडीएसएस योजना के अन्तर्गत माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले पूर्ण रूप से दृष्टिहीन बच्चों को रीडर एलाउन्स देने की मंजूरी दी है।

प्रदेश के 2,183 माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से बारहवीं तक पढ़ने वाले वाले 7,039 दृष्टिहीन बच्चों को वर्ष 2016-17 सत्र में दो सौ रपए प्रति माह के हिसाब से दिया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से बारह तक में अध्ययनरत दृष्टिबाधित बच्चों को रीडर का चयन करना होगा। वर्ष 2016-17 में इन कक्षाओं में पंजीकृत दृष्टिबाधित बच्चों की संख्या यदि जनपद में रीडर एलाउंस के लिए अनुमोदित संख्या से अधिक है तो रीडर एलाउंस के लिए ऐसे छात्रों का चयन किया जाएगा जो स्पेशल एजुकेटर से आच्छांदित न हों। दृष्टिबाधित बच्चों की संख्या अनुमोदित संख्या से कम होने पर सभी बच्चों को रीडर एलाउंस दिया जाएगा। इसके लिए स्पेशल एजुकेटर की मदद ली जा सकती है।


रीडर की शैक्षिक योग्यता दृष्टिबाधित छात्र की कक्षा में कम से कम दो वर्ष अधिक हो। अधिक योग्यता वाले छात्र को रीडर के लिए वरीयता दी जाएगी। रीडर के लिए चयनित बच्चे का निवास स्थान दृष्टिबाधित छात्र के घर के पास होना चाहिए तथा रीडर के चयन के लिए अभिभावक व अध्यापक की मदद ली जा सकती है। भेजे गये निर्देश के अनुसार रीडर का दायित्व सप्ताह में कम से कम नौ घण्टे छात्र को उसकी कक्षा के विभिन्न विषयों को पढ़कर सुनाना व सहयोग देना होगा। छात्र को विभिन्न विषयों को पढ़कर सुनाने व समझने के प्रमाण पत्र के आधार पर संबंधित छात्र के बैंक खाते में रीडर एलाउंस का भुगतान तीन किश्तों में किया जाएगा। बैंक खाते में भेजी जाएगी धनराशि।

बाल श्रमिकों का विद्यालयों में दाखिला दिलाना अनिवार्य किया जाएगा, दृष्टिबाधित बच्चों को भी मिलेगा 200 रूपए रीडर एलाउंस Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:07 AM Rating: 5

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