मिड-डे मील को लेकर फंसे कई पेंच, अधिकारी असमंजस में
- विभागीय मंत्री ने डीएम व कमिश्नर को भी मॉनीटरिंग से जोड़ा
- शिक्षकों को योजना से अलग करने के लिए हो रही माथापच्ची
लखनऊ (एसएनबी)। सूबे में मिड डे मील को लेकर अब कई पेंच फंस गये हैं। विभागीय मंत्री ने बिहार की घटना से सबक लेते हुए जिलाधिकारियों व मण्डलायुक्तों को भी मिड डे मील की मॉनीटरिंग से जोड़ दिया है, लेकिन अधिकारी असमंजस में हैं। इसमें मिड डे मील की कमान ग्राम प्रधानों के हाथ से बाहर आ सकती है, लेकिन शिक्षकों को इस योजना से अलग करने के लिए सबसे ज्यादा माथापच्ची हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि मिड डे मील के वितरण के समय शिक्षकों की मौजूदगी का प्राविधान है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो। मिड डे मील के लिए जरूरी इंतजाम अभी ग्राम प्रधान के स्तर से होगा है। ग्राम प्रधान ही तय मीनू के मुताबित खाद्य सामग्री का इंतजाम कराकर उसे प्रधानाध्यापक के सुपर्द करता है। विद्यालयों में बच्चों की संख्या के आधार पर रसोइया भी तैनात है, इसके बाद भी मिड डे मील की गुणवत्ता पर सवाल खड़े होते रहे हैं। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने मिड डे मील को लेकर एक समान व्यवस्था लागू करने व शिक्षकों को अलग रखने का आदेश पारित कर विभागीय अफसरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कुछ दिनों पहले लखनऊ, कन्नौज, कानपुर देहात व आगरा शहर के लिए अक्षय पात्र संस्था को मिड डे मील की कमान देने पर सहमति बनी है, इस संस्था को 2014 में मिड डे मील सुपुर्द किया जाएगा। इसी बीच बिहार में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के बाद सरकार ने कई कड़े कदम उठाये हैं, लेकिन यह भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। हाईकोर्ट से मिड डे मील को लेकर निर्देश के बाद गुरुवार को सर्व शिक्षा अभियान में सभी के लिए शिक्षा परियोजना कार्यालय, बेसिक शिक्षा निदेशालय व मिड डे मील प्राधिकरण में अफसरों ने इसको लेकर काफी माथापच्ची की, लेकिन अभी कोई फैसला लेने तक की नौबत नहीं आयी है। हाईकोर्ट में अगली सुनवाई के पहले मिड डे मील को लेकर नीतिगत स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। अभी इसके प्रारूप में किसी तरह के बदलाव की उम्मीद नहीं है। मिड डे मील को लेकर शासन के अफसरों का एक वर्ष इस योजना से प्रधानों का पत्ता पूरी तरह काटने के पक्ष में है। उनका कहना है कि इसको विद्यालय प्रबंध समिति और अभिभावकों के हाथों में देना होगा, इसके साथ ही सीधे तौर पर बीएसए व एसडीआई की जवाबदेही तय करनी पड़ेगी। (साभार-:-राष्ट्रीय सहारा)
मिड-डे मील को लेकर फंसे कई पेंच, अधिकारी असमंजस में
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:29 PM
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