अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेजों में मनमाने प्रवेश पर लगेगी रोक
- बदलेगी प्रवेश प्रक्रिया, एससीईआरटी तैयार कर रही प्रस्ताव
- प्रशिक्षण के आवेदन के बिना कॉलेज प्रबंधन नहीं दे सकेगा प्रवेश
लखनऊ(ब्यूरो)।
राज्य सरकार अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया बदलने जा रही
है। इन कॉलेजों में अब मनमाने तरीके से छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जा
सकेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसके
लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके आधार पर बीटीसी प्रवेश प्रक्रिया
संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
प्रदेश
में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के साथ निजी कॉलेजों में भी
बीटीसी कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। मौजूदा समय डायट में 10,400 और 302
निजी कॉलेजों में 15,100 सीटें हैं। निजी क्षेत्र की 25 संस्थाओं को
अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेज का दर्जा प्राप्त है। निजी बीटीसी कॉलेजों में तो
मैनेजमेंट कोटा नहीं है, लेकिन अल्पसंख्यक कॉलेजों में 50 फीसदी मैनेजमेंट
कोटा है। ऐसे में अल्पसंख्यक कॉलेज प्रबंधन कुल 50 में से 25 सीटों पर सीधे
दाखिला देता है।
अल्पसंख्यक कॉलेजों में
दाखिले के लिए अभी कोई नियम नहीं है। इसलिए 50 में 25 सीटें डायट काउंसलिंग
से भरता है और 25 सीटों पर कॉलेज प्रबंधन किसी को भी प्रवेश दे देता है।
सरकार
इस मनमाने रवैये पर रोक लगाना चाहती है। अब अल्पसंख्यक कॉलेजों में उसे ही
प्रवेश दिया जा सकेगा जो बीटीसी प्रशिक्षण के लिए आवेदन करेगा तथा स्नातक
में उसका प्रतिशत डायट में प्रवेश लेने वाले छात्रों के समान होगा। इसके
विपरीत दाखिला लेने वाले छात्रों का प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा।
(साभार-:-अमर उजाला)
(साभार-:-अमर उजाला)
अल्पसंख्यक बीटीसी कॉलेजों में मनमाने प्रवेश पर लगेगी रोक
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:41 PM
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