मिड- डे मील के लिए नहीं शिक्षक : हाई कोर्ट ने कहा आपूर्ति नीति स्पष्ट करे सरकार
- मिड- डे मील के लिए नहीं शिक्षक
- अगली सुनवाई पांच अगस्त को
- आपूर्ति नीति स्पष्ट करे सरकार : हाईकोर्ट
- टीचर पढ़ाने के लिए हैं बच्चों को मिड- डे मील पकाकर देने के लिए नहीं
(साभार-:-राष्ट्रीय सहारा)
- राज्य की नीति स्पष्ट करने का निर्देश
- जनहित याचिका पर सुनवाई 5 अगस्त को
- बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जनहित याचिका
इलाहाबाद : ह्यूमन राइट लॉ नेटवर्क की शोध छात्रओं ने कुपोषण के शिकार पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को बेहतर सुविधाएं दिलाए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। अगरिमा सहित आधे दर्जन शोध छात्र-छात्रओं की टीम ने कौशाम्बी जिले के तीन ब्लाकों का सर्वे कर कोर्ट के समक्ष बच्चों को कुपोषण से बचाने के उपाय किए जाने के लिए समादेश जारी करने की मांग की है। इनका कहना है कि इस जिले के कुछ ब्लाकों में 404 बच्चे कुपोषण के शिकार होकर कमजोर हैं जिनमें से 6 बच्चों की मौत भी हो चुकी है। सवाल उठाया है कि एक जिले का यह हाल है तो तो पूरे प्रदेश की क्या दशा होगी। याचियों का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां इस काम के लिए लगी हैं किन्तु योजना को सही तरीके से लागू न करने के कारण ही बच्चे कुपोषण के शिकार हो रहे हैं।
(साभार-:-दैनिक जागरण)
मिड- डे मील के लिए नहीं शिक्षक : हाई कोर्ट ने कहा आपूर्ति नीति स्पष्ट करे सरकार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:27 PM
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6 comments:
Transfer ke list kab aa rahi hai.sarkar kab nilalegi 2nd list.
ye court ka order sarahniye ha
bahut hi achhee yachika hai . agar aisa ho jaye to teacher ki 50% distarbance kam ho jaye lekin lagta nahi hai aisa ho payega ,
Teacher ko khujali ki dawa man rahi hai sarkar jaha khujali hue laga diya .
-!kaash aisa ho jaye to teacher sahi maemo me teacher ho jaye...
Very good order.
adhyapak ko mdm se alag kar diya jay
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