मुख्यमंत्री ने थामी स्कूल चलो अभियान की कमान : जनप्रतिनिधियों को लिखे पत्र
सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद ‘स्कूल चलो अभियान’ में सफलता नहीं मिलने को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने शुक्रवार को सभी सांसदों, विधान सभा, विधान परिषद सदस्यों और जिला एवं नगर पंचायत अध्यक्षों को पत्र लिखकर कर अभियान को सफल बनाने का आह्वान किया है।
मुख्यमंत्री ने माननीयों को लिखे पत्र में कहा है कि हम सभी का यह नैतिक दायित्व है कि प्रत्येक बच्चे को प्रारम्भिक शिक्षा सुलभ कराई जाए। संविधान द्वारा छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रदत्त नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) के अधिकार का पालन कराने के लिए सरकार कृत संकल्प है। प्रत्येक बच्चे को विद्यालय परिधि में अनिवार्य रूप से लाने और आयुसंगत कक्षा में प्रवेश दिलाकर शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने माननीयों को लिखे पत्र में कहा है कि हम सभी का यह नैतिक दायित्व है कि प्रत्येक बच्चे को प्रारम्भिक शिक्षा सुलभ कराई जाए। संविधान द्वारा छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रदत्त नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा (आरटीई) के अधिकार का पालन कराने के लिए सरकार कृत संकल्प है। प्रत्येक बच्चे को विद्यालय परिधि में अनिवार्य रूप से लाने और आयुसंगत कक्षा में प्रवेश दिलाकर शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकता है।
अखिलेश ने पत्र में लिखा है कि पहली जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं पूरे वर्ष उन्हें नियमित रूप से विद्यालय भेजने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ‘स्कूल चलो अभियान’ संचालित किया जाएगा। घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि विद्यालयांे में समस्त बच्चों को प्रवेश मिल जाए। सीएम ने सभी प्राथमिक/उच्च प्राथमिक, परिषदीय विद्यालयों की प्रबन्ध समिति के अध्यक्षों को लिखे एक अन्य पत्र में इन बातों के अतिरिक्त लिखा है कि प्राथमिक स्कूलों को सुदृढ़ कर उन्हें ऐसा बनाया जाए, कि बच्चे निकटतम स्कूल में शिक्षा अच्छी शिक्षा प्राप्त करें।
खबर साभार : दैनिक जागरण
यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी सांसदों, विधान सभा-विधान परिषद सदस्यों, जिला एवं नगर पंचायत अध्यक्षों को भेजे गए एक पत्र में स्कूल चलो अभियान को सफल बनाने में उनकी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि हम सभी का यह नैतिक दायित्व है कि प्रत्येक बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा सुलभ कराई जाए। संविधान द्वारा छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रदत्त नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार का पालन कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। इसके साथ ही छह से 14 वर्ष तक के प्रत्येक बच्चे को विालय परिधि में अनिवार्य रूप से लाने और उन्हें आयु संगत कक्षा में प्रवेश दिलाकर शिक्षा दिलाना हमारी प्राथमिकता है। श्री यादव ने पत्र में लिखा है कि नवीन शैक्षिक सत्र पहली जुलाई से प्रारंभ हो गया है। बालक-बालिकाओं का नामांकन कराने एवं पूरे वर्ष उन्हें नियमित रूप से विालय भेजने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से पहले जुलाई से 31 जुलाई तक प्रदेश में स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाएगा। राज्य सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है कि छह से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चे विालयों में हों। प्रदेश सरकार संकल्पबद्ध है कि बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें तथा अन्य सुविधाएं समय से उपलब्ध हों, साथ ही उन्हंे गुणवत्ता युक्त दोपहर का भोजन नियमित रूप से मिले।
मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा है शिक्षा से न केवल बौद्धिक विकास होता है अपितु रूढ़िवादिता एवं अंधविश्वास से मुक्त एक बेहतर समाज का निर्माण होता है। श्री यादव ने जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि समाज के सभी वर्गो विशेष रूप से अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब व वंचित, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के सभी बच्चों को विालय लाने में अपना योगदान एवं नेतृत्व प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि छात्रों एवं अध्यापकों की उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं ठहराव के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने सभी प्राथमिक-उच्च प्राथमिक, परिषदीय विालयों की प्रबंध समिति के अध्यक्षों को लिखे एक अन्य पत्र में इन बातों के अतिरिक्त लिखा है कि प्राथमिक स्कूलों को सुदृढ़ कर उन्हें ऐसा बनाया जाए जिससे कि अच्छे स्कूल की तलाश में बच्चे दूर न जाकर निकटतम स्कूल में शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को उच्च शिक्षा की नींव बताते हुए कहा है कि इसकी सुव्यवस्था प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने यह भी लिखा है शिक्षा से न केवल बौद्धिक विकास होता है अपितु रूढ़िवादिता एवं अंधविश्वास से मुक्त एक बेहतर समाज का निर्माण होता है। श्री यादव ने जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि समाज के सभी वर्गो विशेष रूप से अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब व वंचित, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के सभी बच्चों को विालय लाने में अपना योगदान एवं नेतृत्व प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि छात्रों एवं अध्यापकों की उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं ठहराव के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दें।
मुख्यमंत्री ने सभी प्राथमिक-उच्च प्राथमिक, परिषदीय विालयों की प्रबंध समिति के अध्यक्षों को लिखे एक अन्य पत्र में इन बातों के अतिरिक्त लिखा है कि प्राथमिक स्कूलों को सुदृढ़ कर उन्हें ऐसा बनाया जाए जिससे कि अच्छे स्कूल की तलाश में बच्चे दूर न जाकर निकटतम स्कूल में शिक्षा प्राप्त करें। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को उच्च शिक्षा की नींव बताते हुए कहा है कि इसकी सुव्यवस्था प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है।
खबर साभार : : डेली न्यूज एक्टिविस्ट |
मुख्यमंत्री ने थामी स्कूल चलो अभियान की कमान : जनप्रतिनिधियों को लिखे पत्र
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:50 AM
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1 comment:
aapke manneeyon pr aam janta ke liye samay khan hai sir ji
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