शिक्षक बनने से पहले ही कट रही जेब : शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए परेशान हैं शिक्षामित्र
- यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय पर जल्दी कार्य को मांग रहे सुविधा शुल्क
इलाहाबाद
: शिक्षक बनने से पहले ही युवाओं की जेब काटी जा रही है। ऐसा माध्यमिक
शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के क्षेत्रीय कार्यालय में हो रहा है। यहां
प्राइमरी शिक्षक बने शिक्षामित्रों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन में ‘सुविधा
शुल्क’ लिया जा रहा है।
प्रदेश में तकरीबन 58 हजार शिक्षा मित्रों का
प्राथमिक शिक्षक के रूप में समायोजन हुआ है। नियुक्ति में तमाम बाधा पार
करने के बाद प्रदेश सरकार ने अब इन शिक्षा मित्रों को वेतन देने का निर्देश
दिया है। इसमें कहा गया है कि जिन शिक्षा मित्रों के अभिलेखों का सत्यापन
हो गया है उनका वेतन जारी किया जाए। ऐसे में हर जनपद से यूपी बोर्ड के
क्षेत्रीय कार्यालयों में शैक्षिक प्रमाण पत्र जांच के लिए भेजे गए हैं।
इससे कार्यालयों में प्रमाण पत्रों का अंबार लगा है, कर्मचारी कम होने से
सत्यापन का कार्य धीमा चल रहा है। ऐसे में शिक्षा मित्रों से सुविधा शुल्क
लेकर पहले सत्यापन करने की बात की जा रही है। आरोप है कि प्रमाण पत्र के
जल्दी सत्यापन की एवज में शिक्षामित्रों से अच्छी-खासी रकम ली जा रही है।
शिक्षा मित्र खुलकर तो नहीं बोल रहे हैं लेकिन आला अफसरों की चौखट पर यह
शिकायत करने में पीछे नहीं हैं। क्षेत्रीय कार्यालय में आए दिन हंगामा भी
हो रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय इलाहाबाद के
अधिकारी प्रमोद कुमार ने कहा कि उन तक ऐसी शिकायतें नहीं आई हैं। यह जरूर
है कि स्टाफ की कमी से कार्य उस गति से नहीं हो पा रहा है, जैसा होना
चाहिए। शिकायत आने पर जांच के बाद कार्रवाई भी की जाएगी।
शिक्षक बनने से पहले ही कट रही जेब : शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन के लिए परेशान हैं शिक्षामित्र
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:46 AM
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