यूपी में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाए
नई
दिल्ली। उत्तर प्रदेश में करीब 72 हजार प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का
रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा है कि शिक्षक
पात्रता परीक्षा (टीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की
जाए और शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
न्यायमूर्ति
दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने कहा कि टीईटी में 70
फीसदी अंक हासिल करने वाले सामान्य वर्ग के और 65 फीसदी अंक हासिल करने
वाले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को शिक्षक नियुक्त किया जाए। पीठ ने
राज्य सरकार से ऐसे सभी छात्रों को छह हफ्ते के भीतर नियुक्त करने को कहा।
अदालत ने कहा कि राज्य में करीब तीन लाख शिक्षकों के पद खाली हैं, लिहाजा
शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी है। विवाद इस बात को लेकर चल रहा था कि
शिक्षकों की भर्ती सिर्फ टीईटी में प्राप्त अंकों के आधार पर हो या फिर
टीईटी और अकादमी योग्यता (क्वालिटी मार्क्स) के आधार पर हो।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार की राय जाननी चाही थी। बुधवार को सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने बताया टीईटी के अंकों के आधार पर मेधा सूची तैयार की जा सकती है। अदालत ने सॉलिसिटर जनरल ने पूछा कि टीईटी के अंकों को कितना वेटेज मिल सकता है। इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 100 फीसदी तक। शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि नियम खेल के बीच में नहीं बदले जा सकते।
मालूम हो कि मायावती सरकार ने करीब 76 हजार शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लिया था। सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर नियुक्ति का आधार टीईटी रखा। टीईटी में सफल उम्मीदवारों को काउंसलिंग भी शुरू हो गई थी। इसके बाद सत्ता में आई सपा सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर इस नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया गया। नए नियम के तहत टीईटी और क्वालिटी मार्क्स, दोनों को नियुक्ति का आधार बनाया गया। छात्रों ने सरकार के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने छात्रों के हक में फैसला देते हुए मायावती सरकार की अधिसूचना को सही ठहराया, जिसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी।
खबर साभार : अमर उजाला
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
उप्र में प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति का दिया अंतरिम आदेश
टीईटी ही आधार
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
उप्र में प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को शिक्षकों की नियुक्ति का दिया अंतरिम आदेश
टीईटी ही आधार
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश में लंबे समय से लटकी पड़ी प्राइमरी
शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को
अंतरिम आदेश में प्रदेश सरकार को छह सप्ताह में प्राइमरी शिक्षकों की
नियुक्ति करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सामान्य श्रेणी के जिन
अभ्यर्थियों ने टीईटी परीक्षा में 70 फीसद या उससे अधिक तथा आरक्षित श्रेणी
के अभ्यर्थियों ने 65 फीसद या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं उनकी
नियुक्ति की जाए।
यह अंतरिम आदेश जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किया। उत्तर प्रदेश में 72,825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का मामला 2011 से लटका है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने 25 मार्च के पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है। 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए तीन महीने में भर्ती का आदेश दिया था। उस आदेश में टीईटी के अंकों के आधार पर तो भर्ती होनी थी, लेकिन उसके लिए कोई कट आफ अंक तय नहीं थे जो कि आज के आदेश में 70 फीसद और 65 फीसद तय किए गए हैं।
यह अंतरिम आदेश जस्टिस दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्राइमरी शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान जारी किया। उत्तर प्रदेश में 72,825 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती का मामला 2011 से लटका है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने 25 मार्च के पूर्व आदेश में संशोधन करते हुए यह अंतरिम आदेश जारी किया है। 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए तीन महीने में भर्ती का आदेश दिया था। उस आदेश में टीईटी के अंकों के आधार पर तो भर्ती होनी थी, लेकिन उसके लिए कोई कट आफ अंक तय नहीं थे जो कि आज के आदेश में 70 फीसद और 65 फीसद तय किए गए हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार को छह सप्ताह में आदेश पर अमल करके रिपोर्ट दाखिल
करने को कहा है। सरकार 25 फरवरी तक कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करेगी।
तभी कोर्ट प्रदेश सरकार व अन्य पक्षकारों की ओर से दाखिल अपीलों पर सुनवाई
करेगा। हालांकि कोर्ट ने साफ किया है कि ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के
मामले में सुनाए जाने वाले अंतिम फैसले के आधीन होंगी और नियुक्ति पाने
वाले लोग बाद में किसी तरह के लाभ की मांग नहीं करेंगे।
यह है मामला : उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 72,825 पदों के लिए आवेदन मंगाए गए। उस समय टीईटी परीक्षा में हासिल अंकों के आधार पर भर्ती का फैसला किया गया, लेकिन 2012 में प्रदेश में सरकार बदल गई और नई सरकार ने भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिया। बदले नियमों में भर्ती का आधार क्वालिटी मार्क्स रखे गए। जिनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में प्राप्त अंको को भी टीईटी के साथ भर्ती का आधार माना गया। भर्ती नियमों में बदलाव को टीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने भर्ती के नये नियम निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को नये सिरे से टीईटी के आधार पर भर्ती करने का आदेश दिया।
खबर साभार : दैनिक जागरणयह है मामला : उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से 5 तक के प्राइमरी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 2011 में 72,825 पदों के लिए आवेदन मंगाए गए। उस समय टीईटी परीक्षा में हासिल अंकों के आधार पर भर्ती का फैसला किया गया, लेकिन 2012 में प्रदेश में सरकार बदल गई और नई सरकार ने भर्ती के नियमों में बदलाव कर दिया। बदले नियमों में भर्ती का आधार क्वालिटी मार्क्स रखे गए। जिनमें हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में प्राप्त अंको को भी टीईटी के साथ भर्ती का आधार माना गया। भर्ती नियमों में बदलाव को टीईटी पास कर चुके अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। हाई कोर्ट ने भर्ती के नये नियम निरस्त करते हुए प्रदेश सरकार को नये सिरे से टीईटी के आधार पर भर्ती करने का आदेश दिया।
यूपी में 72 हजार शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ : शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में प्राप्त अंकों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की जाए
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:32 AM
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