बीएड दो वर्ष का करने की तैयारी शुरू, उठे सवाल : 5 से 10 प्रतिशत बढ़ सकती है फीस
- इतने कम समय में कैसे पूरी होगी गाइडलाइन
- राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा 2015 कराने का जिम्मा लविवि को मिला
- 5 से 10 प्रतिशत बढ़ सकती है फीस
लखनऊ। राज्य सरकार ने इस सत्र से बीएड पाठ्यक्रम में बदलाव करने
की बात कह दी है। जिसके तहत अब से यह पाठ्यक्रम एक के बजाय दो वर्ष का
रहेगा। लेकिन सवाल अभी से उठने लगे हैं कि इतने कम समय में सरकार दो साल के
बीएड पाठ्यक्रम की गाइड लाइन और फीस स्ट्रक्चर कैसे निर्धारित करेगी? वैसे
तो शासन ने गाइडलान तैयार करने केलिए कमेटी बना दी है, लेकिन कम समय में
इसे अमल में लाने पर उहापोह की स्थित से दो-दो चार होना पड़ रहा है।
इस बार राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा 2015 कराने का जिम्मा लखनऊ विश्वविद्यालय के कंधों पर है। बीएड प्रवेश प्रक्रिया के लिए सरकार ने फरवरी के पहले सप्ताह में गाइडलाइन जारी करने की बात कही है। जबकि सरकार में बीएड समय अवधी बढ़ाने और पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए अभी विचार ही चल रहा है। दो साल के पाठ्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया है, जो तय करेगी की दो साल के बीएड का क्या कोर्स होगा? गौरतलब है कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएड पाठ्यक्रम की समय सीमा बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है। जिसे पूरे देश में लागू कर किया जाना है। इन सबके बीच सवाल अभी भी बरकरार है कि कैसे एक माह के भीतर कमेटी गाइडलाइन तैयार कर पाएगी क्योंकि इसके बाद ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं बीएड प्रवेश परीक्षा 2015 में सूबे के तकरीबन 1025 बीएड विद्यालयों में दाखिले होने हैं। सवाल यहां भी है कि विद्यार्थियों की कमी झेल रहे बीएड पाठ्यक्रमों में इस बदलाव से कहीं अभ्यर्थियों की रूचि में और कमी न आ जाए। ऐसा इसलिए कि पिछले वर्ष हुई बीएड प्रवेश परीक्षा में पांच हजार से ज्यादा सींटें खाली रह गईं थीं।
इस बार राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा 2015 कराने का जिम्मा लखनऊ विश्वविद्यालय के कंधों पर है। बीएड प्रवेश प्रक्रिया के लिए सरकार ने फरवरी के पहले सप्ताह में गाइडलाइन जारी करने की बात कही है। जबकि सरकार में बीएड समय अवधी बढ़ाने और पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए अभी विचार ही चल रहा है। दो साल के पाठ्यक्रम को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया गया है, जो तय करेगी की दो साल के बीएड का क्या कोर्स होगा? गौरतलब है कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने बीएड पाठ्यक्रम की समय सीमा बढ़ाने का निर्देश जारी कर दिया है। जिसे पूरे देश में लागू कर किया जाना है। इन सबके बीच सवाल अभी भी बरकरार है कि कैसे एक माह के भीतर कमेटी गाइडलाइन तैयार कर पाएगी क्योंकि इसके बाद ही दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं बीएड प्रवेश परीक्षा 2015 में सूबे के तकरीबन 1025 बीएड विद्यालयों में दाखिले होने हैं। सवाल यहां भी है कि विद्यार्थियों की कमी झेल रहे बीएड पाठ्यक्रमों में इस बदलाव से कहीं अभ्यर्थियों की रूचि में और कमी न आ जाए। ऐसा इसलिए कि पिछले वर्ष हुई बीएड प्रवेश परीक्षा में पांच हजार से ज्यादा सींटें खाली रह गईं थीं।
- 5 से 10 प्रतिशत बढ़ सकती है फीस
बीएड प्रक्रिया से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार बीएड पाठ्यक्रम की
अवधी बढ़ेगी, तो फीस में बढ़ोत्तरी होना भी लाजमी है। अभी तक एक वर्ष के
बीएड पाठ्यक्रम लिए 51 हजार रुपए फीस निर्धारित थी। वहीं बीएड कमेटी से
निकल कर आ रही खबरों की मानें तो इस सत्र से बीएड की फीस पांच से दस
प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है।
बीएड दो वर्ष का करने की तैयारी शुरू, उठे सवाल : 5 से 10 प्रतिशत बढ़ सकती है फीस
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:47 AM
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