15 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मामला : बीटीसी अभ्यर्थियों को नौकरी खोने का डर, बीटीसी-2011 के प्रशिक्षुओं ने कहा मूल विज्ञप्ति में संशोधन नियमों के खिलाफ
इलाहाबाद
(ब्यूरो)। प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में 15 हजार शिक्षकों की भर्ती
के लिए 26 अक्तूबर 2015 को हुई काउंसलिंग के बाद नौकरी पक्की मान चुके
बीटीसी-2011 के अभ्यर्थियों को अब नौकरी खोने का डर सता रहा है। 2014
दिसंबर में प्राथमिक विद्यालयों में खाली 15 हजार सहायक अध्यापकों की
नियुक्ति के लिए बीटीसी-2011 के अभ्यर्थियों से आवेदन मांगा गया था। सरकार
की ओर से इसी भर्ती में दूसरे बैच के अभ्यर्थियों को अवसर दिए जाने केबाद
बीटीसी-2011 के अभ्यर्थियों की चिंता बढ़ गई है।
प्रदेश
सरकार की ओर से सहायक अध्यापक पदों की काउंसलिंग पूरी जाने के बाद नियमों
में बदलाव करने को अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व में दिए गए
निर्णय के खिलाफ बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि गेम
स्टार्ट हो जाने के बाद उसके नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है।
बीटीसी-2011 के प्रशिक्षुओं ने मूल विज्ञप्ति में संशोधन को नियमों के
खिलाफ बताया है। सरकार की ओर से मूल विज्ञप्ति में संशोधन करके डीएड,
बीटीसी के अन्य सत्रों के प्रशिक्षुओं को भर्ती में शामिल होने का अवसर
दिया गया है, जो मूल भावना के खिलाफ है।
सरकार
की ओर से एक जनवरी से 15 जनवरी 2016 के बीच 15 हजार शिक्षक भर्ती के लिए
बीटीसी के सभी प्रशिक्षुओं के लिए वेबसाइट खोले जाने से पूर्व में चयनित
बीटीसी प्रशिक्षुओं को अपनी नौकरी जाने का डर सता रहा है। इन अभ्यर्थियों
का कहना है कि मेरिट से होने वाले चयन के कारण बीटीसी-2011, बीटीसी-2012
एवं डीएड की टॉप मेरिट वाले तो चयनित हो जाएंगे परंतु कम मेरिट वाले
प्रशिक्षुओं को चयन में शामिल होने के बाद भी बाहर होने का खतरा बन गया है।
खबर साभार : अमर उजाला
15 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का मामला : बीटीसी अभ्यर्थियों को नौकरी खोने का डर, बीटीसी-2011 के प्रशिक्षुओं ने कहा मूल विज्ञप्ति में संशोधन नियमों के खिलाफ
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:33 AM
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