बेस्ट प्राइमरी स्कूलों को मिलेगा अवार्ड, पुरस्कार में मिलेगी एक लाख 20 हजार रुपए की धनराशि
- जिला चयन समिति करेगी विद्यालय का चयन
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लखनऊ। परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के उन शिक्षकों के लिए
अच्छी खबर है जो अपने विद्यालय को उत्कृष्ट बनाने में लगे हैं। ऐसे
विद्यालयों को अब अवार्ड दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक उत्कृष्ट प्राथमिक
विद्यालय को एक लाख 20 हजार रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस
संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने निर्देश जारी कर दिए। मौजूदा
समय में प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के 1,59,400 परिषदीय विद्यालय
संचालित हैं। इनमें एक लाख 30 हजार बच्चे कक्षा एक से पांच तथा करीब 49 लाख
बच्चे छह से आठ तक के विद्यालय में पढ़ते हैं। सरकार की ओर से इन
विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा से लेकर मिड-डे-मील, यूनीफार्म और किताबें
भी फ्री दी जाती हैं। साथ ही शिक्षकों पर करोड़ों रुपए वेतन के भी खर्च होते
हैं। बावजूद इसके परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
नहीं हो रहा। ऐसे में इन विद्यालयों में पठन-पाठन एवं परिवेश में सुधार तथा
प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न कराने के लिए पुरस्कार योजना शुरू की गई
है। प्रत्येक जनपद में जिला चयन समिति की ओर से एक-एक प्राथमिक विद्यालय को
पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार की धनराशि एक लाख 20 हजार रुपए प्रति
विद्यालय दी जाएगी।15 फरवरी तक देने होंगे स्कूलों के नाममानक के अनुसार
खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में संचालित प्राथमिक विद्यालयों में
से 10 विद्यालयों को चिन्हित करेंगे और उसका स्थलीय निरीक्षण करेंगे।
परीक्षण के बाद चिन्हित 10 में से एक विद्यालय के नाम की संस्तुति कर बीएसए
को 15 फरवरी तक भेजेंगे। जनपदीय समिति फरवरी माह के अंत तक विद्यालय का
निरीक्षण कर विवरण का सत्यापन करेंगे। उसके बाद फाइनल रूप से एक विद्यालय
का चयन किय जाएगा। चयनित विद्यालय का नाम सात मार्च तक बेसिक शिक्षा
निदेशालय को भेजना होगा।
- राज्य सरकार ने शुरू की विद्यालय पुरस्कार योजना
विद्यालय पुरस्कार के लिए जनपद स्तर पर प्राथमिक विद्यालय का चयन कमेटी
करेगी। इनमें डायट प्राचार्य अध्यक्ष, बीएसए सदस्य सचिव, जिलाधिकारी द्वारा
नामित एक सदस्य शामिल होंगे।मार्च में मिलेगा सम्मानचयनित विद्यालय की
एसएमसी के अध्यक्ष एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक को मार्च में राज्य स्तर
पर समारोह आयोजित कर पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षकों
को जनपद स्तरीय समिति की ओर से प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा।
ये होंगे विद्यालय पुरस्कार के प्रमुख मानक:-
* शैक्षिक सत्र 2015-16 में विद्यालय में कम से कम 150 छात्र-छात्राएं नामांकित हों। तीन साल में छात्र नामांकन में कोई गिरावत न हुई हो।
* विद्यालय के सेवित क्षेत्र के 6 से 11 वय वर्ग के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित हों एवं इस आयु वर्ग में कोई बच्चा आउट ऑफ स्कूल न हो।
* बच्चों की विद्यालय में मासिक औसतन उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक न हो।
* अवकश एवं अधिकृत अनुपस्थिति को छोड़ शेष दिनों में शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो।
* शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम शिक्षण कार्य समय से पूरा किया गया हो और छात्र-छात्राओं को गृह कार्य दिया गया हो।
* सत्र 2015-16 में निरीक्षण में विद्यालय को उत्कृष्ट कोटि का पाया गया हो।
* विद्यालय के छात्र-छात्राओं का अधिगम स्तर उत्कृष्ट कोटि का हो।
* विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई एवं रखरखाव संतोषजनक हो। परिसर साथ सुथरा हो।
* विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर अथवा प्लास्टिक की चटाई की सुविधा हो।
* स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो। शौचालय अलग-अलग हों और क्रियाशील हों।
* सभी बच्चों के पास फ्री किताबें, वर्कबुक एवं यूनीफार्म के दो सेट उपलब्ध हों।
* शिक्षकों द्वारा शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों में प्रतिभाग किया गया हो।
* शैक्षिक सत्र 2015-16 में विद्यालय में कम से कम 150 छात्र-छात्राएं नामांकित हों। तीन साल में छात्र नामांकन में कोई गिरावत न हुई हो।
* विद्यालय के सेवित क्षेत्र के 6 से 11 वय वर्ग के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित हों एवं इस आयु वर्ग में कोई बच्चा आउट ऑफ स्कूल न हो।
* बच्चों की विद्यालय में मासिक औसतन उपस्थिति 60 प्रतिशत से अधिक न हो।
* अवकश एवं अधिकृत अनुपस्थिति को छोड़ शेष दिनों में शिक्षकों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो।
* शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम शिक्षण कार्य समय से पूरा किया गया हो और छात्र-छात्राओं को गृह कार्य दिया गया हो।
* सत्र 2015-16 में निरीक्षण में विद्यालय को उत्कृष्ट कोटि का पाया गया हो।
* विद्यालय के छात्र-छात्राओं का अधिगम स्तर उत्कृष्ट कोटि का हो।
* विद्यालय भवन की रंगाई-पुताई एवं रखरखाव संतोषजनक हो। परिसर साथ सुथरा हो।
* विद्यालय में बच्चों के बैठने के लिए फर्नीचर अथवा प्लास्टिक की चटाई की सुविधा हो।
* स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था हो। शौचालय अलग-अलग हों और क्रियाशील हों।
* सभी बच्चों के पास फ्री किताबें, वर्कबुक एवं यूनीफार्म के दो सेट उपलब्ध हों।
* शिक्षकों द्वारा शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं अन्य गतिविधियों में प्रतिभाग किया गया हो।
बेस्ट प्राइमरी स्कूलों को मिलेगा अवार्ड, पुरस्कार में मिलेगी एक लाख 20 हजार रुपए की धनराशि
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:51 AM
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