परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्कूल बैग का इंतजार, अनुपूरक बजट में सरकार ने किया था एलान, बर्तन खरीदने की प्रक्रिया भी अभी तय नहीं
- परिषदीय विद्यालय: बच्चों को मिलेगा फ्री स्कूल बैग
- छह साल बाद फिर योजना शुरू करने की तैयारी
- 50 करोड़ के बजट का किया गया प्रावधान
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक
विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को एक बार फिर से स्कूली बैग
दिया जाएगा। अन्य सुविधाओं की तर्ज पर इसका भी निशुल्क वितरण किया जाएगा।
इसके लिए 50 करोड़ रुपए के बजट की व्यवस्था की गई है। जिसके बाद बेसिक
शिक्षा विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। नए शैक्षिक सत्र में इसकी
सुविधा मिलने की उम्मीद है।मौजूदा समय में प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद
के 1,59,400 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें एक लाख 30 हजार बच्चे
कक्षा एक से पांच तथा करीब 49 लाख बच्चे छह से आठ तक के विद्यालय में पढ़ते
हैं। केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से इन बच्चों को मिड-डे-मील, दो जोड़ी
यूनिफार्म, पाठ्यपुस्तकें आदि फ्री उपलब्ध कराई जाती हैं। शिक्षक संगठन
काफी समय से इन बच्चों को निशुल्क बस्ता दिए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका
कहना था कि सरकार किताबें तो देती है लेकिन उन्हें रखने की कोई व्यवस्था न
होने से छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी होती है। जिसकी वजह से कोई बच्चा
पॉलीथिन में तो कोई किसी तरह किताबें लेकर स्कूल जाता है। लेकिन अब ऐसा
नहीं होगा। निजी स्कूलों तरह परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी स्कूली बैग
में किताबें लेकर जाएंगे। इसके लिए बजट भी मिल गया है।
- वर्ष 2009 में भी बटे थे बैग
परिषदीय विद्यालयों में स्कूली बैग देने की योजना 2008-09 में शुरू हुई
थी। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय के मुताबिक नेशनल
प्रोग्राम फॉर एजूकेशन ऑफ गर्ल्स एट एलीमेंट्री (एनपीईजीईएल) योजना के तहत
सिर्फ छात्राओं को निशुल्क बैग वितरित किया गया था। इसके लिए 100 रुपए
प्रति बैग का बजट दिया गया था। उसके बाद योजना बंद कर दी गई। लेकिन एक बार
फिर शुरू होने वाली इस योजना में छात्राओं के साथ-साथ बेसिक शिक्षा विभाग
छात्रों को भी फ्री बैग देगा।
- कैसे वितरित होगा बैग, चल रहा मंथन
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को फ्रीस स्कूली
बैग दिए जाने के लिए 50 करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। लेकिन यह बैग किस
तरह दिया जाएगा, इसको लेकर शासन में मंथन चल रहा है। विभागीय जानकारों की
मानें तो यह विचार चल रहा है कि जिस तरह विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के
पास यूनिफार्म वितरण की जिम्मेदारी होती है। उसी तरह स्कूली बैग वितरण की
जिम्मेदारी भी एसएमसी को दी जाए। हालांकि इसको लेकर मंथन जारी है।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को स्कूल बैग का इंतजार, अनुपूरक बजट में सरकार ने किया था एलान, बर्तन खरीदने की प्रक्रिया भी अभी तय नहीं
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:50 AM
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