सम्प्रदाय विशेष में उपजी नाराजगी को दूर करने के लिए उर्दू शिक्षकों की भर्ती की शर्तो पर होगा पुनर्विचार, एक से ज्यादा पत्नियां होने पर अपात्र मानने का मामला, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खफा
लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती में अभ्यर्थियों की एक से ज्यादा पत्नियां होने पर अपात्र मानने के उल्लेख पर उठे विवाद को लेकर सरकार हरकत में आ गई है। एक संप्रदाय विशेष में उपजी नाराजगी को देखते हुए सरकार इस मसले पर पुनर्विचार करेगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने दैनिक जागरण को बताया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निचले स्तर से जारी होते हैं। इसलिए यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि यह कोई अनोखी बात नहीं है। जिनके लिए यह भर्तियां की जा रही हैं, उन्हें इस पर कोई एतराज नहीं है। पता नहीं क्यों इसे बेवजह उछाला जा रहा है। समाजवादी सरकार मुस्लिमों की हितैषी है, यह सब जानते हैं। उन्हें बताया गया है कि यह वर्ष 1981 का कोई आदेश है जिस पर अमल किया गया है। वह शुक्रवार को इस मसले पर गौर करेंगे। यदि जरूरी हुआ तो सरकार की ओर से स्पष्टीकरण भी जारी किया जाएगा।
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