उर्दू शिक्षकों की भर्ती में नहीं होगी एक पत्नी की शर्त, विवाद के बाद सरकार का यू टर्न, हटाया वैवाहिक स्थिति पर जारी प्रतिबन्ध की शर्त
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में उर्दू शिक्षकों की भर्ती में एक से अधिक पत्नी होने पर अपात्र होने जैसी कोई शर्त नहीं होगी। इस मसले पर उठे विवाद के बाद हरकत में आई सरकार ने यह निर्णय किया है। बेसिक शिक्षा विभाग केसचिव आशीष कुमार गोयल का कहना है कि 19 जनवरी से ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे।
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प्राथमिक स्कूलों में उर्दू शिक्षक के 3500 पदों पर होने वाली भर्ती में पात्रता की शर्त में कहा गया था कि यदि किसी अभ्यर्थी की एक से अधिक पत्नियां जीवित होंगी तो वह अपात्र माना जाएगा। ऐसे ही यदि किसी महिला अभ्यर्थी ने ऐसे पुरुष से विवाह किया हो जिसकी पहले से पत्नी जीवित हो तो वह भी अपात्र होगी। इस पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड व अन्य संगठनों की ओर से विरोध के स्वर मुखर होने पर बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने पुराने नियमों के तहत ही भर्ती का आश्वासन दिया था। शुक्रवार को सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल ने कहा कि उर्दू शिक्षकों की भर्ती की सेवा शर्तो में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। पांच जनवरी को जारी शासनादेश में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। 18 जनवरी को सेवा के नियम, आवेदन के तरीके व शर्ते वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी। गोयल का कहना है कि आवेदन पत्र भरे जाना शुरू नहीं हुए तो फिर विवाद खड़ा किया जाना ठीक नहीं है।
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