तकनीक ने बढ़ाई क्लास में मास्टर जी की मौजूदगी, इलाहाबाद में एसएमएस ने किया कमाल तो झांसी में टैबलेट से खींच ली जाती है फोटो

तकनीक का अगर सही इस्तेमाल हो तो तमाम सकारात्मक नतीजे सामने आ सकते हैं। ऐसा ही कुछ झांसी, कन्नौज और इलहाबाद के प्राइमरी स्कूलों ने कर दिखाया है। वहां शिक्षकों की एसएमएस से तो कहीं टैबलेट से फोटो खींच कर उपस्थिति दर्ज की जाती है। नतीजा, अब ज्यादा शिक्षक क्लासरूम में आ रहे हैं।

बाकी जिले भले ही प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति मॉनिटर करने की प्रणाली के लिए इंतजार कर रहे हों लेकिन झांसी, कन्नौज और इलाहाबाद ने तो कर दिखाया। अपने संसाधनों से वहां सरकारी प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की उपस्थिति जांची जाती है और यहां ये प्रयोग काफी सफल रहा है।

बेसिक शिक्षा निदेशक ने इन जिलों का उदाहरण पेश करते हुए सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इनसे प्रेरणा लेते हुए शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। शिक्षकों को 16 जनवरी तक का समय दिया गया है। इसके बाद खण्ड से लेकर मण्डल स्तर तक के अधिकारियों के निरीक्षण होंगे। यदि शिक्षक बिना सूचना अनुपस्थित पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं यदि किसी खण्ड में ज्यादा शिक्षक बिना सूचना नहीं मिले तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। शासन ने भी निदेशालय स्तर के अधिकारियों को एक-एक जिला आवंटित कर दिया है कि वे जनवरी से इन जिलों में 3 दिन का प्रवास कर प्राइमरी स्कूलों का निरीक्षण करें।

झांसी के बीएसए सर्वदानंद ने डीएम अनुराग यादव की मदद से नगर क्षेत्र के स्कूलों में एक-एक टैबलेट दिया है। शिक्षक स्कूल पहुंच कर 9-10 बजे सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ फोटो अपलोड करता है। इसके लिए वेबसाइट (उपस्थिति यूपी एनआईसी डॉट इन) बनाई गई है। यहां कॉल सेंटर भी बना है जहां शिक्षकों को आकस्मिक अवकाश दर्ज कराना होता है।

कंट्रोल रूम से हाजिरी
कन्नौज के बीएसए राम करन यादव ने एसएमएस से उपस्थिति जांचने की प्रणाली विकसित की है। इसमें स्कूल शुरू होने के आधे घण्टे में उपस्थिति दर्ज की जाती है। रोज 50-70 स्कूलों में दूसरे शिक्षकों, रसोइयों या उन्हीं के नंबर पर बच्चों से बात कर अन्य शिक्षको ंकी जानकारी ली जाती है। इसके लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम है जहां पूरी सूचना दर्ज की जाती है।

इलाहाबाद के बीएसए राजकुमार ने एक नंबर जारी किया है जिस पर लोग फोन कर बता देते हैं कि अमुक शिक्षक स्कूल नहीं आया। फोन के बाद शिक्षक की उपस्थिति चेक की जाती है। वहीं हर हफ्ते सघन निरीक्षण लागू किया जिसमें अधिकारियों के ब्लॉक बदल कर ड्यूटी लगाई जाती है। शिक्षकों को भी उनके कामों के लिए सिर्फ एसएमएस करना पड़ता है। शिक्षक को स्कूल थोड़ी देर से आना है तो वह स्कूल केसमय से पहले एसएमएस करता है।

तकनीक ने बढ़ाई क्लास में मास्टर जी की मौजूदगी, इलाहाबाद में एसएमएस ने किया कमाल तो झांसी में टैबलेट से खींच ली जाती है फोटो Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 8:41 AM Rating: 5

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