उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी- UPTET) 2015 में सफल अभ्यर्थियों को कम्प्यूटरीकृत ई-सर्टिफिकेट देने की तैयारी, मंथन जारी
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2015 में सफल अभ्यर्थियों को कम्प्यूटर जी से ई-सर्टिफिकेट दिलवाने की तैयारी है। बेसिक शिक्षा विभाग और टीईटी करवाने वाले परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अफसर इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्रमाण-पत्र देने पर मंथन कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा अभ्यर्थियों को यह होगा कि उन्हें प्रमाणपत्र के लिए डायट के चक्कर नहीं काटने होंगे।
सरकार को भी प्रमाणपत्र छपवाने, डायटों तक पहुंचाने आदि पर लाखों रुपए खर्च नहीं करने पड़ेंगे। यही नहीं अभ्यर्थियों को डुप्लीकेट सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए हैरान नहीं होना पड़ेगा। दरअसल ई-सर्टिफिकेट वितरण की व्यवस्था कोई नया प्रयोग नहीं है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अपनी नेट परीक्षा के अभ्यर्थियों को 2010 से ही ई-सर्टिफिकेट देता आ रहा है। ई-सर्टिफिकेट बहुत कम समय में अभ्यर्थियों तक पहुंच जाता है। नवम्बर 2011 से शुरू हुई यूपी-टीईटी में यह व्यवस्था पहली बार लागू होने जा रही है। सूत्रों के अनुसार ई-सर्टिफिकेट देने पर विचार हो रहा है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक कोई निर्णय हो जाएगा। सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो अप्रैल अंत तक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा में सफल 1,36,415 अभ्यर्थियों को ई-सर्टिफिकेट दे दिए जाएंगे। हालांकि फिलहाल इस पर कोई अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गौरतलब है कि प्राथमिक स्तर की टीईटी के लिए 2,58,372 अभ्यर्थी पंजीकृत थे जिनमें से 2,37,620 परीक्षा में शामिल हुए। कक्षा 6 से 8 तक की टीईटी के लिए 6,71,796 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 6,22,437 ने परीक्षा दी थी। सोमवार को जारी टीईटी-15 के रिजल्ट में प्राथमिक स्तर में 59,062 (24.85 प्रतिशत) जबकि उच्च प्राथमिक स्तर में 87,353 (14.03 प्रतिशत) अभ्यर्थी यानि ओवरऑल 17 प्रतिशत अभ्यर्थी पास हुए हैं।
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