रसोइयों को मिलेगा 2000 रूपए मानदेय, बेसिक शिक्षा सचिव ने दिया आश्वासन, धरना खत्म
रसोइयों को मिलेगा 2000 रूपए मानदेय, बेसिक शिक्षा सचिव ने दिया आश्वासन, धरना खत्म
लखनऊ : लक्ष्मण मेला स्थल गुरुवार को अव्यवस्था का शिकार रहा। अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही रसोइयों ने अचानक सड़क जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित हो गया। रसोइया कई घंटे तक सड़क पर बैठी रहीं। काफी देर बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने शासन में उच्चाधिकारियों से मुलाकात की, जहां आश्वासन मिलने पर उन्होंने धरना समाप्त किया।
राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया एकता संघ की ओर से धरने का आयोजन किया गया था। अपनी मांगों को लेकर रसोईया लक्ष्मण मेला स्थल पर सुबह से बैठे थे। रसोइयों ने पुलिस-प्रशासन को दोपहर दो बजे तक का समय दिया और कहा कि मांग पूरी न होने की दशा में वह आत्मदाह कर लेंगी। धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों में दो रसोइयों की हालत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल भिजवाया गया। थोड़ी देर बाद रसोइया धरना स्थल से उठकर सड़क पर आ गईं और विधान भवन की ओर बढ़ने लगीं। रसोइयों ने सांकेतिक अर्थी बनाई थी और सबसे आगे उसे लेकर चल रहे थे। पुलिस ने सड़क पर ही रसोइयों को रोक लिया। इस दौरान दोनों पक्षों में काफी देर तक नोकझोंक होती रही। नाराज होकर रसोइयों ने सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने उन्हें काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन वह सड़क पर बैठी रहीं। इसके बाद रसोइयों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शासन में जाकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की।
रसोइयों ने उन्हें नियमित करने, हर वर्ष की जाने वाली चयन प्रक्रिया को समाप्त करने, बच्चों के उसी विद्यालय में अनिवार्य रूप से पढ़ने के नियम को समाप्त किए जाने समेत कई मांगें रखीं। उच्चाधिकारियों ने प्रतिनिधि मंडल को उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद रसोइयों ने धरना समाप्त किया। हालांकि इस धरना स्थल पर अव्यवस्था हावी रही और वहां धरना दे रहे अन्य संगठन के लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।
लखनऊ : लक्ष्मण मेला स्थल गुरुवार को अव्यवस्था का शिकार रहा। अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही रसोइयों ने अचानक सड़क जाम कर दिया। इससे आवागमन बाधित हो गया। रसोइया कई घंटे तक सड़क पर बैठी रहीं। काफी देर बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने शासन में उच्चाधिकारियों से मुलाकात की, जहां आश्वासन मिलने पर उन्होंने धरना समाप्त किया।
राष्ट्रीय मध्यान्ह भोजन रसोइया एकता संघ की ओर से धरने का आयोजन किया गया था। अपनी मांगों को लेकर रसोईया लक्ष्मण मेला स्थल पर सुबह से बैठे थे। रसोइयों ने पुलिस-प्रशासन को दोपहर दो बजे तक का समय दिया और कहा कि मांग पूरी न होने की दशा में वह आत्मदाह कर लेंगी। धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों में दो रसोइयों की हालत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गईं। इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल भिजवाया गया। थोड़ी देर बाद रसोइया धरना स्थल से उठकर सड़क पर आ गईं और विधान भवन की ओर बढ़ने लगीं। रसोइयों ने सांकेतिक अर्थी बनाई थी और सबसे आगे उसे लेकर चल रहे थे। पुलिस ने सड़क पर ही रसोइयों को रोक लिया। इस दौरान दोनों पक्षों में काफी देर तक नोकझोंक होती रही। नाराज होकर रसोइयों ने सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने उन्हें काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन वह सड़क पर बैठी रहीं। इसके बाद रसोइयों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शासन में जाकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की।
रसोइयों ने उन्हें नियमित करने, हर वर्ष की जाने वाली चयन प्रक्रिया को समाप्त करने, बच्चों के उसी विद्यालय में अनिवार्य रूप से पढ़ने के नियम को समाप्त किए जाने समेत कई मांगें रखीं। उच्चाधिकारियों ने प्रतिनिधि मंडल को उनकी मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन दिया गया, जिसके बाद रसोइयों ने धरना समाप्त किया। हालांकि इस धरना स्थल पर अव्यवस्था हावी रही और वहां धरना दे रहे अन्य संगठन के लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़ा।
खबर साभार : अमर उजाला
रसोइयों को मिलेगा 2000 रूपए मानदेय, बेसिक शिक्षा सचिव ने दिया आश्वासन, धरना खत्म
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:22 AM
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