सरकारी प्राइमरी स्कूलों की सच्चाई अब सबके होगी सामने, अधिकारियों की मनमानी पर भी कसेगा शिकंजा, निरीक्षण होंगे ऑनलाइन, निरीक्षण के मानक और फॉर्मेट तय
सरकारी प्राइमरी स्कूलों की सच्चाई अब सबके सामने होगी। अधिकारियों की मनमानी पर शिकंजा भी कसेगा क्योंकि अगले शैक्षिक सत्र से स्कूलों की निरीक्षण रिपोर्ट ऑनलाइन ही भरनी होगी। वहीं स्कूलों के निरीक्षण में सिर्फ शैक्षिक स्तर को जांचने के लिए कई नए बिन्दू शामिल किए गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग में मण्डलीय अधिकारियों से लेकर खण्ड शिक्षा अधिकारियों तक के लिए स्कूलों का निरीक्षण करना जरूरी है। हर अधिकारी के लिए महीनेवार संख्या भी तय की गई है। सबसे ज्यादा निरीक्षण खण्ड शिक्षा अधिकारियों को करने होते हैं। स्कूलों के निरीक्षण के मानक तय हैं। सरकार की मंशा थी कि निरीक्षण के माध्यम से स्कूलों के शैक्षिक स्तर में सुधार होगा लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं है। अव्वल तो निरीक्षण होते नहीं है और यदि होते भी हैं तो उनकी रिपोर्ट शासन तक नहीं पहुंच पाती। इनसे निपटने के लिए विभाग ने अब निरीक्षणों की रिपोर्ट ऑनलाइन भरने की व्यवस्था की है। अधिकारी को स्कूलों का निरीक्षण करने के दो दिन के अंदर ही इसे भरकर अपलोड करना होगा।
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