पिछले साल की तरह एक बार फिर नये सत्र में बच्चों को मिलेंगी पुरानी किताबें, अब तक किताबों की छपाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी नही


लखनऊ : पहली अप्रैल से शुरू होने जा रहे परिषदीय स्कूलों के नये शैक्षिक सत्र में बच्चों के हाथों में पिछले साल की तरह एक बार फिर पुरानी किताबें पहुंचेंगी। चालू शैक्षिक सत्र के दौरान परिषदीय स्कूलों में बच्चों को बांटी गई पाठ्यपुस्तकों को उनसे वापस लेकर अगले सत्र में उन कक्षाओं में पहुंचने या दाखिला लेने वाले बच्चों को बांटा जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।


किताबों की छपाई में देर होने की वजह से अगले सत्र में जुलाई से पहले बच्चों को नई पाठ्यपुस्तकें मिलने के आसार नहीं हैं। ऐसा लगातार दूसरे वर्ष हो रहा है कि जब परिषदीय स्कूलों के बच्चों से किताबें वापस लेकर नये सत्र में उन कक्षाओं में प्रवेश लेने वाले बच्चों को उन्हें बांटा जाएगा। पिछले साल परिषदीय स्कूलों का सत्र जुलाई की बजाय अप्रैल से शुरू हुआ था लेकिन बच्चों को बांटी जाने वाली किताबों के कागज की गुणवत्ता को लेकर विवाद हो गया था। इसकी वजह से किताबों की छपाई समय से नहीं हो पायी थी। बेसिक शिक्षा विभाग का ढर्रा इस साल भी नहीं सुधरा है। पहली अप्रैल से नया सत्र शुरू होना है लेकिन अब तक किताबों की छपाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। किताबों के प्रकाशन के लिए टेंडर आमंत्रित करने की आखिरी तारीख जो पहले 26 मार्च थी, उसे विभाग ने अब बढ़ाकर चार अप्रैल  करने का फैसला किया है।


परिषदीय स्कूलों के पौने दो करोड़ बच्चों के लिए तकरीबन 14 करोड़ नग किताबें छापी जानी हैं। इतनी बड़ी संख्या में किताबों की छपाई में भी समय लगेगा। लिहाजा नई किताबें जुलाई से पहले बच्चों को मयस्सर होने वाली नहीं हैं। नये सत्र के लिए किताबें न छप पाने के कारण बच्चों को पढ़ाई में असुविधा न हो, इसलिए विभाग ने अंतरिम व्यवस्था के तहत बच्चों को पुरानी किताबें मुहैया कराने का फैसला किया है।


पिछले साल की तरह एक बार फिर नये सत्र में बच्चों को मिलेंगी पुरानी किताबें, अब तक किताबों की छपाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी नही Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:49 AM Rating: 5

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