तैयारियां पूरी : प्राथमिक स्कूलों की परीक्षाएं कल से, बच्चों को रोल नंबर, विद्यालय कोड भी बने, सिटिंग प्लान भी होगा लागू, कक्षा एक से लेकर आठ तक लिखित व मौखिक का प्रतिशत हुआ तय
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की तर्ज पर बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों की वार्षिक परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं। करीब पांच वर्ष होने वाली परीक्षाओं में आमूलचूल बदलाव हुआ है। भले ही किसी छात्र या फिर छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं किया जाना है, फिर भी इम्तिहान के सारे मानक पूरे किए जाने के कड़े निर्देश हैं। कॉपी, प्रश्नपत्र से लेकर सिटिंग प्लान तक बनाया गया है। हर जिले में शासन का फरमान लागू हो इसके लिए पर्यवेक्षकों तक की तैनाती हो चुकी है। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र व छात्रओं को इस मर्तबा परीक्षा का नया अनुभव मिलेगा।
बेसिक शिक्षा सचिव आशीष गोयल के निर्देश पर प्राइमरी स्कूलों की परीक्षा में हर कार्य तय कर दिया गया केवल जिलों में उसी का अनुपालन होगा। मसलन, कक्षा एक की परीक्षा मौखिक, कक्षा दो व तीन की 50 फीसद मौखिक व 50 प्रतिशत लिखित, कक्षा चार व पांच की 30 प्रतिशत मौखिक व 70 फीसद लिखित और कक्षा छह, सात एवं आठ की परीक्षा शत-प्रतिशत लिखित होगी। परीक्षा में कॉपी, टेबुलेशन शीट, रिजल्ट कार्ड एवं सूई धागा एवं अन्य परीक्षा सामग्री के लिए प्रति छात्र धन दिया गया है। बच्चों को रोल नंबर, विद्यालय कोड तक दिया जाना है। यही नहीं सिटिंग प्लान कक्षा कक्षवार बनाकर बाहर लगाना है और नकल पर अंकुश लगाने के लिए बच्चों को मिलाकर बैठना है। इसी तरह से कक्ष निरीक्षकों की ड्यूटी व सिटिंग प्लान भी फाइल में लगाना है।
प्रश्नपत्र एक घंटा पहले संकुल स्तर से दिया जाएगा। प्रश्नपत्र एक शिक्षक व स्कूल मानीटरिंग कमेटी सदस्यों के सामने खोलने के निर्देश हैं। कक्षा पांच की उत्तर पुस्तिकाएं संकुल स्तर पर व आठ की बीआरसी केंद्रों पर जांचे जाने के निर्देश हैं। परीक्षा में दस-दस अंकों की दो सत्र परीक्षा, 30 अंक की अर्धवार्षिक व पचास अंक की वार्षिक परीक्षा होगी। जिन विषयों में सत्र परीक्षा नहीं होती है उनकी 50 अंक की अर्धवार्षिक परीक्षा होगी। उत्तर पुस्तिकाएं तीन माह तक सुरक्षित रखनी है और 27 मार्च को रिजल्ट दिया जाएगा। परीक्षा में निरीक्षण पुस्तिका व अनुपस्थित छात्रों का रजिस्टर बनाने को कहा गया है।
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