बेसिक शिक्षा परिषद के 19 हजार रिटायर्ड शिक्षकों, कर्मचारियों व उनके आश्रितों को मिलेगा लाभ, पहली जनवरी 2006 से मिलेगा इस फैसले का लाभ
लखनऊ : अखिलेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों की तरह बेसिक शिक्षा परिषद के रिटायर्ड शिक्षकों व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों व उनके आश्रितों के लिए भी 3500 रुपये न्यूनतम मासिक पेंशन/पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। इस फैसले का लाभ पहली जनवरी 2006 से पहले या बाद में सेवानिवृत्त/मृत उन परिषदीय शिक्षकों, शिक्षणोत्तर कर्मचारियों और उनके आश्रितों को मिलेगा जो अब तक 3500 रुपये से कम पेंशन या पारिवारिक पेंशन पा रहे हैं। न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन/पारिवारिक पेंशन का लाभ पहली जनवरी 2006 से दिया जाएगा।
इस फैसले का फायदा बेसिक शिक्षा परिषद के तकरीबन 19 हजार सेवानिवृत्त शिक्षकों, शिक्षणोत्तर कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवारों को मिलेगा। बेसिक शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव पर सोमवार को कैबिनेट ने मुहर लगा दी। अभी कुछ परिषदीय कार्मिक 1200 रुपये न्यूनतम पेंशन पा रहे थे। सरकार के इस फैसले से उनकी पेंशन लगभग तीन गुना बढ़ जाएगी। राज्य कर्मचारियों के लिए तो सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन की व्यवस्था है लेकिन परिषदीय शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारी इससे वंचित थे। इस फैसले से सरकार के खजाने पर हर साल 28.32 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्ययभार पड़ेगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए आठ मार्च 1978 को जारी शासनादेश के तहत पहली मार्च 1977 से नवीन पेंशन योजना लागू की गई थी। राजकीय कर्मचारियों की तरह परिषदीय शिक्षकों को पहली अक्टूबर 1981 से नवीन पेंशन योजना के तहत पारिवारिक पेंशन की सुविधा दी गई। पहली जनवरी, 2006 को और इस तारीख के बाद रिटायर हुए राज्य कर्मचारियों को आठ दिसंबर 2008 को जारी शासनादेश के तहत न्यूनतम 3500 रुपये पेंशन/पारिवारिक पेंशन मंजूर की गई थी।
परिषदीय शिक्षकों के पेंशन पुनरीक्षण के लिए 16 सितंबर 2009 और 28 फरवरी 2011 को जारी शासनादेशों में पहली जनवरी 2006 को सेवानिवृत्त/मृत ऐसे कार्मिक जिनकी अर्हकारी सेवा 33 वर्ष रही है, को पूर्व वेतनमान के सादृश्य वेतन बैंड में न्यूनतम वेतन तथा ग्रेड वेतन के योग के 50 प्रतिशत न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था की गई लेकिन न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन की धनराशि 3500 रुपये अंकित नहीं हो सकी थी।
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