स्कूलों में जंक फूड पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग हुआ सख्त, सभी राज्यों से दिशानिर्देश तय करने को कहा, राज्य बाल संरक्षण आयोग कर रहे जांच
नई दिल्ली । जंक फूड से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने देशभर के स्कूल की कैंटीनों में इस तरह के खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर रोक लगाने के मकसद से राज्य शिक्षा बोर्डों से कहा है कि वे सीबीएसई की तरह वह भी स्पष्ट दिशानिर्देश तय करें और उसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें। आयोग ने स्कूलों में जंक फूड पर पूरी तरह रोक लगाने के मकसद से हाल ही में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा बोर्डों एवं राज्य बाल आयोगों को पत्र लिखा है। इसमें उसने सीबीएसई के तहत आने वाले स्कूलों में इस केंद्रीय बोर्ड की ओर से तय दिशानिर्देशों का सख्ती से क्रियान्वयन कराने तथा प्रांतीय बोर्डों के स्कूलों के लिए अलग दिशानिर्देश तय करने को कहा है।
एनसीपीसीआर के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि स्कूलों की कैंटीन में जंक फूड को लेकर एक दिशानिर्देश तय किया गया था। हम चाहते हैं कि इसका सख्ती से क्रियान्वयन किया जाए। प्रांतीय बोर्डों के स्कूलों के लिए अलग से दिशानिर्देश बनाने की जरूरत है। हमने इसी को लेकर प्रांतीय सरकारों और राज्य बाल आयोगों को पत्र लिखा है। कानूनगो ने कहा कि हमारे कहने पर कई जगहों पर राज्य बाल आयोग के लोग स्कूलों में जाकर जंक फूड की स्थिति का पता कर रहे हैं। राज्य शिक्षा बोर्डों से कहा गया है कि वे अलग दिशानिर्देश तय करें और इसका क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करें।
इस साल की शुरुआत में सीबीएसई ने अपने से संबद्ध स्कूलों को एक परिपत्र जारी कर कहा था कि वे अपने यहां की कैंटीनों में चिप्स, कारबोनेटेड ड्रिंक्स, रेडी टू इट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर तथा कुछ दूसरे खाद्य पदार्थों की उपलब्धता पर रोक सुनिश्चित करें। सीबीएसई ने स्कूलों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि इस तरह के खाद्य पदार्थ स्कूल परिसर के 200 मीटर के दायरे में उपलब्ध नहीं हों। बोर्ड ने कुछ अध्ययनों का हवाला देते हुए कहा था कि उच्च वसा, नमक और शर्करा वाले (एचएफएसएस) खाद्य पदार्थों के कारण टाइप-2 मधुमेह, अवसाद तथा दूसरी बीमारियां होती हैं। एनसीपीसीआर जंक फूड के खिलाफ दिशानिर्देश तय करने और क्रियान्वयन कराने में कुछ राज्यों के काम से खुश है।
कानूनगो ने कहा कि पंजाब, चंडीगढ़, मध्यप्रदेश और ओडिशा ने जंक फूड के खिलाफ दिशानिर्देश तय करने में अच्छा काम किया है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी इसी महीने काम आरंभ हो जाएगा। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द देश के सभी राज्यों के स्कूलों में जंक फूड पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाए।
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