बीटीसी इंटर्नशिप में अब नहीं चलेगी मनमानी, एक विद्यालय में अधिकतम चार प्रशिक्षु ही ट्रेनिंग के लिए भेजे जा सकेंगे, निजी बीटीसी कॉलेजों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए डायट की पहल
लखनऊ। बीटीसी प्रशिक्षण के अंतर्गत की जाने वाली इंटर्नशिप में अब मनमानी नहीं चल सकेगी। इंटर्नशिप के लिए एक विद्यालय में सिर्फ चार प्रशिक्षुओं को ही भेजा जाएगा। यदि विद्यालय में दो या अधिक संस्थानों के प्रशिक्षु भेजे जाते हैं तो भी यह संख्या चार से अधिक नहीं होगी। निजी बीटीसी कॉलेजों की मनमानी पर नकेल कसने के लिए डायट की ओर से इस व्यवस्था को सख्ती से लागू किया जा रहा है।
दरअसल, राजधानी में डायट के अलावा 39 निजी बीटीसी कॉलेज संचालित हैं। इनमें करीब 2 हजार स्टूडेंट्स के प्रशिक्षण की व्यवस्था है। बीटीसी प्रशिक्षण में प्रत्येक सेमेस्टर में प्रशिक्षुओं को इंटर्नशिप के लिए एक माह तक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में भेजा जाता है। अक्सर डायट में यह शिकायतें मिलती हैं कि निजी बीटीसी कॉलेज मनमाने तरीके से एक ही विद्यालय में सात-आठ प्रशिक्षु को इंटर्नशिप के लिए भेज देते हैं। इससे स्कूल संचालन में दिक्कतें आती हैं। वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य भी इंटर्नशिप करने वाले प्रशिक्षुओं के कक्षा शिक्षण की मॉनीटरिंग ठीक से नहीं कर पाते।
इसलिए डायट की ओर से निजी बीटीसी कॉलेजों को यह निर्देश दिए गए हैं कि इंटर्नशिप के लिए एक विद्यालय में अधिकतम चार प्रशिक्षु भेजे जाएं, लेकिन छात्र संख्या कम होने पर दो प्रशिक्षु ही जा सकेंगे। प्रशिक्षु द्वारा तैयार पाठ्ययोजना की जांच संकाय सदस्यों द्वारा अनिवार्य रूप से की जाए।आवंटित होगी प्रशिक्षुओं की लिस्टइंटर्नशिप करने वाले बीटीसी प्रशिक्षुओं की संख्या एवं स्कूल के नाम की सूची अब कॉलेजों को भेज दी जाएगी। कॉलेज उतनी संख्या में प्रशिक्षुओं को संबंधित विद्यालय में इंटर्नशिप करने के लिए भेज सकेंगे। डायट लखनऊ की ओर से इस नियम को सख्ती से लागू करने की तैयारी की जा रही है।
क्या है इंटर्नशिप?
बीटीसी प्रशिक्षण में प्रत्येक सेमेस्टर में प्रशिक्षुओं को एक महीने प्राइमरी, जूनियर स्कूल में इंटर्नशिप के लिए भेजा जाता है। इंटर्नशिप का उद्देश्य प्रशिक्षु को विद्यालय एवं शिक्षण का अनुभव प्रदान करना होता है। इंटर्नशिप में पहले सेमेस्टर में प्रशिक्षुओं द्वारा विद्यालय अवलोकन एवं शेष तीन सेमेस्टर में कक्षा शिक्षण किया जाता है। क्लास टीचिंग की मॉनीटरिंग करके विद्यालय के प्रधानाध्यापक प्रशिक्षु को अंक देते हैं।
इंटर्नशिप के लिए जारी किए गए नियमों को सख्ती से लागू किया जाएगा। प्रत्येक स्कूल में चार से अधिक प्रशिक्षु न भेजने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी कोशिश है कि निजी बीटीसी संस्थानों को प्रशिक्षुओं की संख्या एवं विद्यालय की सूची आवंटित कर दी जाए, जिससे मनमानी न की जा सके। - ललिता प्रदीप, प्राचार्य, डायट लखनऊ
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