एकल स्कूलों के जख्म भरेंगे तबादले, प्रदेश में 3661 परिषदीय स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे
लखनऊ : प्रदेश में 3661 परिषदीय स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। इन एकल विद्यालयों में 1900 प्राथमिक और 1761 उच्च प्राथमिक स्तर के हैं। तीन साल के बाद परिषदीय शिक्षकों के अंतर जिला स्थानांतरण करने जा रही राज्य सरकार बड़े पैमाने पर होने वाले इन तबादलों के जरिये एकल विद्यालयों में शिक्षकों की कमी का जख्म भरने का मंसूबा पाले हुए हैं। देखना यह है कि सरकार की मंशा कितनी पूरी हो पाएगी।
प्रदेश में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून भले ही लागू हो लेकिन सूबे के 3661 एकल विद्यालय इस कानून के मानक पर खरे नहीं उतरते हैं। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में दाखिल 60 बच्चों पर दो, 61 से 90 बच्चों पर तीन, 91 से 120 बच्चों पर चार, 121 से 200 बच्चों पर पांच शिक्षक होने चाहिये। जिन स्कूलों में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे हैं वहां पांच शिक्षकों के अलावा एक हेड टीचर भी होना चाहिये। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 200 से अधिक हो, वहां छात्र-शिक्षक अनुपात 40 से अधिक नहीं होना चाहिये। वहीं कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों में विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन और भाषा का एक-एक शिक्षक अवश्य होना चाहिये।
प्रदेश में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून भले ही लागू हो लेकिन सूबे के 3661 एकल विद्यालय इस कानून के मानक पर खरे नहीं उतरते हैं। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार कक्षा एक से पांच तक में दाखिल 60 बच्चों पर दो, 61 से 90 बच्चों पर तीन, 91 से 120 बच्चों पर चार, 121 से 200 बच्चों पर पांच शिक्षक होने चाहिये। जिन स्कूलों में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे हैं वहां पांच शिक्षकों के अलावा एक हेड टीचर भी होना चाहिये। जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 200 से अधिक हो, वहां छात्र-शिक्षक अनुपात 40 से अधिक नहीं होना चाहिये। वहीं कक्षा छह से आठ तक के स्कूलों में विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन और भाषा का एक-एक शिक्षक अवश्य होना चाहिये।
ज्यादातर एकल विद्यालय सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। 1900 एकल प्राथमिक स्कूलों में से प्रत्येक में यदि 60 बच्चे भी हों तो भी शिक्षा के अधिकार कानून के मानक के अनुसार उनमें दो शिक्षक तो होने ही चाहिए। वहीं इकलौते शिक्षक के भरोसे चल रहे 1761 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से प्रत्येक में कम से कम चार शिक्षक होने ही चाहिए। देखना होगा कि बीएसए स्थानांतरित शिक्षकों को एकल विद्यालयों में तैनात कर मंशा को अमली जामा पहनाते हैं या शिक्षक जोर-जुगाड़ से शहरों के करीब स्कूलों में ही तैनाती पा लेते हैं।
एकल स्कूलों के जख्म भरेंगे तबादले, प्रदेश में 3661 परिषदीय स्कूल सिर्फ एक शिक्षक के भरोसे चल रहे
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:58 PM
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