याचियों की नियुक्ति का प्रकरण फिर सतह पर, परिषदीय विद्यालयों में 862 तदर्थ शिक्षकों की तर्ज पर चाहते नियुक्तियां, जिले से लेकर परिषद मुख्यालय तक पहुंच रहे युवा, दे रहे तमाम दलीलें
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में याचियों की नियुक्ति का प्रकरण इन दिनों फिर सतह पर आ गया है। भर्तियों को लेकर न्यायालयों में वाद दायर करने वाले 1100 युवाओं को तदर्थ नियुक्ति का आदेश हुआ, उसमें से 862 को तैनाती दी जा चुकी है। उसके बाद से याचियों की संख्या कई गुना बढ़ चुकी है और सभी तदर्थ शिक्षकों की तर्ज पर नियुक्ति चाहते हैं। इसके लिए जिले से लेकर परिषद मुख्यालय तक युवा पहुंच रहे हैं और दलीलें भी दे रहे हैं।
हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक के रूप में नियुक्ति मांगने वाले अधिकांश युवा बीएड व टीईटी उत्तीर्ण हैं। 72825 शिक्षकों की भर्ती में मौका न मिलने पर इन युवाओं ने कटऑफ मेरिट एवं नियुक्तियों को लेकर तमाम सवाल खड़े किए और उसे न्यायालय में भी चुनौती दी। सात दिसंबर 2015 को शीर्ष कोर्ट ने तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश दिया और उसका अनुपालन भी हुआ। इस घटनाक्रम के बाद न्यायालय में याची बनने के लिए अभ्यर्थियों की भरमार हो गई करीब 60 हजार अभ्यर्थी दर्ज मामलों में याची बन गए हैं। याचियों का दावा है कि बीते 24 फरवरी 2016 को शीर्ष कोर्ट ने कहा है कि जिन याचियों की योग्यता सात दिसंबर 2015 के आदेश के अनुरूप याचियों के समान है को भी तदर्थ नियुक्ति देने पर विचार किया जाए, लेकिन शिक्षा विभाग के अफसर इस पर गंभीर नहीं हो रहे हैं। याची यह भी कह रहे हैं कि 24 अगस्त को शीर्ष कोर्ट ने इस संबंध में प्रदेश सरकार को भी निर्देशित किया है।
अब याचिका दाखिल करने वाले युवाओं ने शिक्षा विभाग के अफसरों को घेरने के लिए जिले से लेकर परिषद मुख्यालय पर ज्ञापन सौंपकर नियुक्ति मांग रहे हैं। उनका कहना है कि नियुक्ति में देर होने से योग्य बीएड टीईटी उत्तीर्ण याची निराश हैं और सड़क पर घूमने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि अफसर इस संबंध में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। अफसर कहते हैं कि प्रकरण शीर्ष कोर्ट में विचाराधीन है जैसा निर्देश मिलेगा उसका अनुपालन हर हाल में कराया जाएगा।
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