कस्तूरबा बालिका स्कूलों में तैयारी आधी-अधूरी, कई जिलों में नामांकन एवं स्टॉफ चयन की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं, राज्य परियोजना कार्यालय ने बीएसए को दिए कड़े निर्देश
इलाहाबाद : प्रदेश में बालिकाओं को शिक्षित करने की सारी तैयारियां अब तक पूरी नहीं हो सकी है। तमाम प्रयासों के बाद भी बालिकाओं का लक्ष्य के सापेक्ष न तो नामांकन हो पाया है और न ही उन्हें पढ़ाने के लिए स्टॉफ का चयन ही हो पाया है। प्राथमिक विद्यालयों की तर्ज पर बालिकाओं के खास स्कूलों का भी हाल-बेहाल है। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय ने इस संबंध में बीएसए को कड़े निर्देश जारी किए हैं।
बालिकाओं को उम्दा शिक्षा देने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है। शैक्षिक सत्र 2016-17 में इन विद्यालयों में 74 हजार बालिकाओं का नामांकन होना था। उसमें से अब तक 72205 का नामांकन पूरा हुआ है। अभी 1795 बालिकाओं का नामांकन किया जाना शेष है। आजमगढ़, आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, बदायूं, बांदा, बस्ती, बुलंदशहर, अमेठी, चित्रकूट, देवरिया, इटावा, फरुखाबाद, गाजीपुर, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, हमीरपुर, हरदोई, कासगंज, ललितपुर, मथुरा, मऊ, हापुड़, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर व सुलतानपुर में अभी नामांकन कार्य अधूरा है। बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए 11 हजार 154 स्टॉफ की तैनाती होनी थी, इसके सापेक्ष 9150 पदों को भरने की कार्यवाही पूरी की गई है। अभी 2004 पद रिक्त हैं। इसमें प्रदेश के सभी जिले आते हैं, जहां कुछ न कुछ पद रिक्त पड़े हैं।
यही नहीं प्रदेश के आजमगढ़, बुलंदशहर, संभल, चित्रकूट, इटावा, गौतमबुद्ध नगर, गाजीपुर, हरदोई, कन्नौज, ललितपुर, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, शामली, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर, सीतापुर, सोनभद्र तथा श्रवस्ती में कर्मचारियों के अनुबंध की प्रक्रिया तक पूरी नहीं की गई है। इन्हीं जिलों में अभी टेंडर भी पूरे नहीं हो पाए हैं। खास बात यह है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र शुरू होने के बाद से लगातार इस संबंध में निर्देश दिए जा रहे थे। 29 जून को भी तेजी से कार्य करने को कहा गया, लेकिन उसकी अनसुनी हुई। अब फिर सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक जीएस प्रियदर्शी ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को सुचारु रूप से संचालित करने का आदेश दिया है।
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