लापरवाह और फिसड्डी बीएसए और प्रकाशकों को पुस्तक वितरण में मिली नोटिस, 26 अक्टूबर तक छाप कर किताबें देने के निर्देश
प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को किताबें न मिलने के मामले में हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शिक्षा विभाग सक्रिय हुआ है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को नोटिस जारी कर सोमवार तक किताब वितरण की रिपोर्ट मांगी है। प्रकाशकों को भी 26 अक्टूबर तक बची किताबें छापकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बीएसए और प्रकाशकों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।
प्राइमरी स्कूलों में इस साल बच्चों को किताबें बांटने में काफी लेटलतीफी हुई। अप्रैल से शुरू सत्र की छमाही परीक्षाएं भी शुरू हो गईं और कई जगह बच्चों को अब तक किताबें नहीं मिल सकी हैं। अब तक करीब 25 फीसदी किताबें तो छपकर ही नहीं मिली हैं। वहीं, जहां किताबें पहुंच गई हैं वहां बीएसए की लापरवाही के कारण बंटी नहीं हैं। अब तक करीब 60 फीसदी किताबें ही बंट सकी हैं।
किताबें बांटने में हुई इस लापरवाही पर हाई कोर्ट ने पिछले दिनों शिक्षा विभाग को कड़ी फटकार लगाई थी। अब 27 अक्टूबर को अगली तारीख लगी है। इसे ध्यान में रखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को नोटिस भेजा है। उनसे कहा है कि जहां किताबें पहुंच गई हैं, उन्हें बंटवाकर सोमवार तक रिपोर्ट भेजें। प्रकाशकों को भी नोटिस भेजकर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। बीएसए और प्रकाशकों से कहा गया है कि जो भी इस लापरवाही का जिम्मेदार होगा, उस पर विभागीय कार्रवाई के साथ ही कोर्ट को भी अवगत कराया जाएगा।
निदेशक ने दी सख्त कार्रवाई की चेतावनी, सोमवार तक मांगी रिपोर्ट।
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