ये कैसा प्रचार : सरकारी स्कूलों में सीएम अखिलेश की फोटो वाले बैनर लगाकर दिए जा रहे फल वितरण पर भड़का विपक्ष
लखनऊ : चुनावी साल में प्रदेश सरकार स्कूली बच्चों के जरिए अपनी योजनाओं को घर-घर पहुंचाने में जुट गई है। इसके लिए सरकारी स्कूलों में फल वितरण के बैनर लगवाए जा रहे हैं। इस बैनर पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो है और 'उम्मीदों का प्रदेश, उत्तर प्रदेश' का नारा लिखा हुआ है। सरकारी अफसर इसे पारदर्शिता और योजना का सामान्य प्रचार-प्रसार बता रहे हैं तो विपक्षी दलों ने सरकारी मशीनरी का प्रयोग प्रचार के लिए करने का आरोप लगाया है।
☀ सीएम को नहीं पहचानने का रहा मलाल
सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील बच्चों को पहले ही दिया जाता है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पहल पर प्रदेश सरकार ने अपने स्तर से पहले बच्चों को दूध वितरित करने की योजना शुरू की और इस साल फल वितरण की शुरुआत की है। बच्चों को हर सोमवार को फल बांटे जाते हैं। प्रदेश सरकार ने केंद्र के सहयोग के बिना यह योजना शुरू की, लेकिन खुद मुख्यमंत्री को हमेशा यह मलाल रहा है कि बच्चे उन्हें पहचानते ही नहीं। वह खुद इस बात को कह चुके हैं।
☀ बैनर लगाना है अनिवार्य
बच्चे मुख्यमंत्री को पहचान सकें, इसके लिए कुछ स्कूलों में अखिलेश यादव की फोटो भी लगाई गई थी। अब फल वितरण की नई योजना के साथ सरकारी आदेश भी जारी किए गए हैं कि इनका प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके लिए हर स्कूल को बैनर लगवाने को कहा गया है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण से इस आदेश के साथ बैनर का फॉर्मेट भी भेजा गया है।
'बच्चों फल खाओ और सरकारी प्रचार भी करो'।
☀ बैनर लगाने का मकसद ये है कि गांव में प्रधान, पंचायत सदस्यों और अन्य लोगों को भी पता चल सके कि यह योजना चल रही है। इससे सरकारी योजनाओं की जानकारी जनता को होगी और मॉनीटरिंग में मदद मिलेगी। -हेमंत कुमार, निदेशक एमडीएम
☀ यह चुनावी स्टंट है। सरकार किताबें बांट नहीं पा रही। फल बांटने का प्रचार बैनर लगाकर कर रही है। अब ये फल बांटें या मोबाइल बांटने का लालच दें। सरकार जा रही है। जनता सब समझ चुकी है। -राम अचल राजभर, प्रदेश अध्यक्ष बीएसपी
☀ मुख्यमंत्री की पार्टी के लोग उनके चेहरे से नजर चुरा रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री योजनाओं के जरिए अपने चेहरे की पहचान करवाने में जुटे हैं। साढ़े चार साल में ऐसे काम करते कि लोग खुद उनका चेहरा पहचानने लगते। -विजय बहादुर पाठक, प्रदेश महामंत्री, बीजेपी
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