पद न भर्ती फिर भी पांच लाख दावेदार, लेकिन अब उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सीधी भर्ती से नहीं भरे जाएंगे शिक्षकों के पद
इलाहाबाद : किसी भी भर्ती में बड़ी संख्या में आवेदन होना आम बात है, लेकिन यहां तो सीधी भर्ती की दूर-दूर तक उम्मीद न होने के बाद भी दावेदारों की भरमार है। जी हां, हम बात कर रहे हैं शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2016 की। इसमें उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए पांच लाख से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है, जबकि इन स्कूलों में सारे पदों को प्रमोशन से ही भरा जाना है। प्राथमिक स्कूलों में सीधी भर्ती होती है, लेकिन वहां ढाई लाख दावेदार ही सामने आए हैं।
प्रदेश के शिक्षक बनने के इच्छुक युवाओं की यूपी टीईटी के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसकी परीक्षा 19 दिसंबर को कराया जाना प्रस्तावित है। सूबे में यह परीक्षा इसके पहले चार बार कराई जा चुकी है, लेकिन उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 29334 युवाओं की सीधी भर्ती ही हुई है। बेसिक शिक्षा परिषद ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमावली में उच्च प्राथमिक सहायक अध्यापकों के पद प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के प्रमोशन से भरे जाने का प्रावधान है, लिहाजा उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए आगे कोई सीधी भर्ती नहीं होगी। इस पर युवाओं का तर्क था कि जब भर्ती नहीं होनी है तो टीईटी में यह परीक्षा ही क्यों कराई जा रही है इसे खत्म किया जाए। विवाद बढ़ने पर यह आशंका थी कि उच्च प्राथमिक के लिए इस बार आवेदन बहुत कम होगा।
पुराने अनुमानों को धता बताते हुए इस बार भी उच्च प्राथमिक विद्यालय युवाओं की पसंद रहे हैं। इसीलिए सबसे अधिक आवेदन पांच लाख आठ हजार 44 हुए हैं, वहीं प्राथमिक विद्यालयों में सीधी भर्ती समय-समय पर होती रहती है वहां के लिए महज दो लाख 54 हजार 16 युवाओं ने आवेदन किया है।
इस उलटफेर का मायने परीक्षा नियामक महकमा भी खोज नहीं सका है, बल्कि उसका कहना है कि उनके यहां से आवेदन मांगे गए थे, युवाओं को अपनी पसंद के अनुसार दावेदारी करनी थी। यह पसंद किसी एक क्षेत्र की नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में अधिकांश युवाओं का रुझान उच्च प्राथमिक विद्यालय ही हैं। माना जा रहा है कि टीईटी इम्तिहान का परिणाम आने के बाद सीधी भर्ती के लिए युवा दबाव बना सकते हैं।
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