बीएसए आदेशों की अवहेलना पर उतारू, बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के निर्देश पर नहीं भेजी रिपोर्ट, अब शिक्षा निदेशक बेसिक ने मांगा रिक्त शिक्षक पदों का ब्योरा
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों की सूचना देने में बीएसए आनाकानी कर रहे हैं। परिषद सचिव के कई बार निर्देश देने पर भी जवाब नहीं आया तो शिक्षा निदेशक बेसिक ने बीएसए के इस रवैये पर गंभीर आपत्ति जताई है साथ ही इसे विभागीय आदेशों की अवहेलना तक माना है। निदेशक ने सभी बीएसए से तत्काल पूरी रिपोर्ट परिषद मुख्यालय भेजने का आदेश दिया है।
परिषदीय विद्यालयों में तीन वर्ष के बाद अंतर जिला तबादले हुए हैं। इसमें हजारों शिक्षक एक से दूसरे जिलों में गए हैं। वहीं, जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों का प्रमोशन तेजी हुआ है। इस बार तो तीन वर्ष तक की सेवा वाले शिक्षकों को भी पदोन्नति का लाभ देने के निर्देश हुए हैं। ऐसे में हर जिले में सहायक अध्यापकों के पद बड़ी संख्या में खाली हुए हैं। परिषद सचिव संजय सिन्हा ने सभी बीएसए को प्रोफार्मा भेजकर इसकी रिपोर्ट भेजने का कई बार निर्देश दिया, लेकिन अधिकांश बीएसए ने अनसुनी कर दी। इससे अफसरों की किरकिरी हो रही है।
असल में प्रदेश सरकार की मंशा है कि विधानसभा चुनाव करीब है ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया इस मौके पर गतिमान रहे। इसके लिए रिक्त पदों का ब्योरा होना जरूरी है। वहीं दूसरी ओर बीटीसी 2013 के अभ्यर्थी शिक्षा निदेशालय में आंदोलन कर रहे हैं।
परिषद सचिव ने बीएसए की कार्यशैली से वरिष्ठ अफसरों को अवगत कराया। तब बेसिक शिक्षा निदेशक दिनेश बाबू शर्मा ने कमान संभाली है। उन्होंने बीएसए को पत्र भेजकर कहा कि वांछित सूचनाएं न भेजना आपत्तिजनक है और यह विभागीय आदेशों की अवहेलना भी है। उन्होंने लिखा कि यह प्रकरण महत्वपूर्ण है इसलिए गुरुवार को ही पूरी रिपोर्ट परिषद मुख्यालय को भेजी जाए।
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