सरकारी स्कूलों में भी नर्सरी से होगी पढ़ाई! , सभी प्राथमिक स्कूलों में अनिवार्य हो सकती है स्कूल-पूर्व शिक्षा
नई दिल्ली: निजी स्कूलों की ही तरह जल्दी ही सरकारी स्कूलों में भी स्कूल-पूर्व शिक्षा की शुरुआत हो सकती है। सरकार इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है कि जिन स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं की पढ़ाई हो रही है, उन सभी में इसे भी अनिवार्य कर दिया जाए।
अगर प्रारंभिक बाल्यकाल से लेकर 12वीं तक के लिए कंपोजिट स्कूल व्यवस्था को मंजूरी मिल गई तो पहले से चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों को स्कूल में ही जोड़ दिया जाएगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि अगर राज्य और अन्य संबंधित पक्ष सहमत हुए तो जल्दी ही इस व्यवस्था को शुरू किया जा सकता है।
मंगलवार को होने वाली केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक में इस पर विचार होना है। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ ही विभिन्न केंद्रीय मंत्री और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भी इसके सदस्य हैं। 1इनमें महिला और बाल विकास (डब्लूसीडी) मंत्री मेनका गांधी भी शामिल हैं, जिनके मंत्रलय से स्कूल पूर्व शिक्षा का केंद्रीय सरकार का मौजूदा आंगनबाड़ी कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
केब की उप-समिति ने इस संबंध में पहले ही सिफारिश कर दी है। मगर डब्लूसीडी मंत्रलय इस पर अलग रवैया अपना सकता है। प्रस्ताव में कहा गया है कि पढ़ाई की मौजूदा अलग-अलग व्यवस्था की जगह कंपोजिट स्कूल व्यवस्था शुरू की जाए। इसमें कहा गया है, ‘अगर आंगनबाड़ी से 12वीं तक की पढ़ाई एक जगह नहीं हो तो बच्चों की सुविधा के लिए माध्यमिक स्कूल के तहत कई प्राथमिक स्कूल फीडर के तौर पर खोले जा सकते हैं। लेकिन, संसाधनों और नेतृत्व के लिहाज से इन्हें एक इकाई के तौर पर देखा जाना चाहिए। साथ ही हर पंचायत में ऐसी एक इकाई होनी चाहिए।
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