शुरू हुआ समीक्षा व विकास का कार्य, नए कलेवर में होंगी परिषदीय पुस्तकें, राज्य शिक्षा संस्थान में कार्यशाला शुरू

प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कक्षा एक, दो व तीन की किताबें नए कलेवर में तैयार की जा रही हैं। इसके लिए बुधवार से राज्य शिक्षा संस्थान उप्र इलाहाबाद में कार्यशाला शुरू हो गई है।

संस्थान के प्राचार्य दिव्यकांत शुक्ल ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्षो में शिक्षा के सरोकारों में व्यापक परिवर्तन आए हैं। ऐसे में पाठ्यपुस्तकों का पुनरीक्षण अपरिहार्य हो गया है। इनके माध्यम से हम बच्चों के अनुभव संसार को समृद्ध बनाकर उनके सीखने को ज्यादा विस्तार दे सकते हैं। विषय वस्तु में आज की जरूरतों व कल की संभावनाओं को भी स्थान देना होगा। एनसीईआरटी नई दिल्ली की प्रोफेसर ऊषा शर्मा ने कहा कि हमारी किताब सभी बच्चों की किताब होनी चाहिए। उसमें हर बच्चे के अनुभवों, परिवेश, जिज्ञासा को स्थान मिलना चाहिए। विषय की प्रकृति व उद्देश्य को ध्यान में रखकर पाठ का प्रस्तुतीकरण हो, अभ्यास ज्यादा से ज्यादा रचनात्मक हो, आकलन में अवलोकन, बातचीत, समस्या समाधान, चित्र वर्णन के अवसर सुलभ हों। पाठ्य पुस्तकों में विषयों के पारस्परिक संबंध को ध्यान में रखा जाए। बच्चों की किताब में उनके खेल, कविता, कहानी, गीत, सैर सपाटे को भी स्थान देना होगा। कार्यशाला की समन्वयक नीलम मिश्र ने बताया कि कार्यशाला में कक्षा एक, दो व तीन हंिदूी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित व पर्यावरण अध्ययन की पाठ्य पुस्तकों की समीक्षा व विकास का कार्य किया जा रहा है

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