FREE UNIFORM DISTRIBUTION : हल्की ठंड के अहसास के बावजूद सूबे में ड्रेस वितरण में पिछड़े अधिकाँश जिले, मिर्जापुर सबसे फिस्सडी तो गोरखपुर ने किया टॉप, 18 जिलों ने अब तक वितरण की उपलब्ध ही नहीं कराई सूचना
लखनऊ : सुबह-सुबह हल्की ठंड का अहसास भले ही होने लगा हो, लेकिन परिषदीय स्कूलों के लाखों बच्चों को सरकार की ओर से मुफ्त में दिए जाने वाले दो सेट यूनीफॉर्म का अब भी इंतजार है। प्रदेश स्तर पर औसतन अभी बमुश्किल तीन-चौथाई बच्चों को ही यूनीफॉर्म बांटी जा सकी है। सूबे में सिर्फ गोरखपुर जिले ने सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के राज्य परियोजना कार्यालय को स्कूली बच्चों को शत-प्रतिशत यूनीफॉर्म वितरण की जानकारी मुहैया कराई है।
यह स्थिति तब है जब मुख्य सचिव ने 15 जून को शासनादेश जारी कर 15 जुलाई से बच्चों को यूनीफॉर्म बांटने का काम शुरू करने और 30 अगस्त तक वितरण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद एक जिले को छोड़ बाकी अन्य में सभी बच्चों के हाथों में यूनीफॉर्म पहुंचना अभी बाकी है।
यूनीफार्म वितरण में सबसे फिसड्डी मीरजापुर जिला है। बताया जा रहा है कि यहां पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के इतने तबादले हुए कि यूनीफॉर्म बंटने पर जैसे ब्रेक लग गया। जौनपुर में 70, गाजीपुर में 74, सिद्धार्थनगर और शाहजहांपुर में 73 प्रतिशत बच्चों को यूनीफॉर्म वितरत की जा सकी है। प्रदेश के 18 जिलों ने तो एसएसए के राज्य परियोजना कार्यालय को निर्धारित प्रारूप पर यूनीफॉर्म वितरण की जानकारी अब तक नहीं उपलब्ध कराई है।
सरकार परिषदीय स्कूलों के सभी बच्चों को प्रत्येक शैक्षिक सत्र में दो सेट यूनीफॉर्म निश्शुल्क मुहैया कराती है। सितंबर के आखिरी हफ्ते में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने यूनीफॉर्म वितरण में सुस्ती दिखाने पर सभी बीएसए को फटकार लगाई थी। उस बैठक में उन्होंने बीएसए से हाथ उठवाकर पूछा था कि किस जिले में 100 फीसद बच्चों को यूनीफॉर्म बंट गई और तब भी सिर्फ गोरखपुर में ही सभी छात्र-छात्रओं को यूनीफॉर्म बांटे जाने की जानकारी सामने आई थी। यूनीफॉर्म खरीदने की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंध समिति पर है। वहीं, यूनीफॉर्म की गुणवत्ता और उसके वितरण की निगरानी के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति गठित की गई है।
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