अब प्री-प्राइमरी का भी बना सिलेबस, वर्ष 2017 से प्री-प्राइमरी से आठवीं तक जारी होगा सिलेबस, देश में पहली बार सीआइएससीई बोर्ड ने जारी किया प्री-प्राइमरी का सिलेबस
लखनऊ : काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (सीआइएससीई) देश का पहला ऐसा बोर्ड बनने जा रहा है जिसमें इससे संबद्ध स्कूलों में प्री-प्राइमरी से लेकर आठवीं क्लास तक विशेषज्ञों द्वारा तैयार सिलेबस पढ़ाया जाएगा। सीआइएससीई ने संबद्ध विद्यालयों के लिए प्री-प्राइमरी से आठवीं तक के लिए सिलेबस तैयार किया है। इसे 24 नवंबर को सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में आयोजित 59वें आइएससी और आइसीएसई स्कूल के वार्षिक कांफ्रेस में जारी किया जाएगा। यह जानकारी काउंसिल के चीफ एक्जीक्यूटिव व सेकट्ररी गैरी एराथून ने मंगलवार को दी।
गैरी एराथून ने बताया कि यह नया सिलेबस अगले सत्र 2017-18 से पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब प्री-प्राइमरी का सिलेबस तय किया गया है। इसके साथ ही काउंसिल देश में पहली ऐसी संस्था बन गई है, जिसने प्री प्राइमरी के लिए सिलेबस तैयार किया है। यह व्यवस्था अभी सीबीएसई बोर्ड में भी नहीं है। उन्होंने बताया कि नया सिलेबस काउंसिल की वेबसाइट पर जल्द ही अपडेट कर दिया जाएगा। स्कूल इसी के आधार पर जिन प्रकाशकों की किताबें मार्केट में मौजूद है उस चला सकते हैं। बता दें कि आइसीएसई और आइएसई बोर्ड मिलकर सीआइएससीई बोर्ड बनता है।
अब तक बोर्ड सिर्फ 9 वीं से 12 वीं तक का सिलेबस ही जारी करता था। नर्सरी से आठवीं तक की पढ़ाई स्कूल अपने स्तर से करवाते थे। डॉ.जी इमैनुअल ने बताया कि पहली बार नर्सरी से आठवीं तक का सिलेबस डिवेलप किया गया है। अब स्कूलों को नर्सरी से बारहवीं तक का सिलेबस जारी होगा। हालांकि किताबें अब भी स्कूल अपने स्तर से तय कर सकेंगे। जिस प्रकाशक की किताबें निर्धारित सिलेबस कवर करती होंगी, स्कूल उन्हें ही पढ़ाने के लिए स्वतंत्र होंगे। सीबीएसई बोर्ड में 11वीं, 12 वीं में चलने वाली एनसीईआरटी की किताबें चलाने की मांग कई स्कूल कर चुके हैं। काउंसिल ने इन किताबों को रेफरेंस बुक के तौर पर चलाने की छूट दी है।
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