तीन साल से पढ़ा रहे एकेडमिक मेरिट के आधार पर चयनित शिक्षक फिर भी भविष्य सुरक्षित नहीं, हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर अब तक न हो सका फैसला
एकेडमिक मेरिट के आधार पर यूपी में चयनित शिक्षकों का भविष्य तीन साल की नौकरी के बाद भी सुरक्षित नहीं है। एकेडमिक मेरिट के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर निर्णय नहीं हो सका, लेकिन अभी भी एक लाख शिक्षकों की नौकरी से खतरा टला नहीं है।दरअसल शिक्षक भर्ती के लिए पहली बार आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2011 में कथित धांधली के आरोप पर समाजवादी पार्टी ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी से पूरे प्रकरण की जांच करवाई। इसके बाद शिक्षकों की भर्ती एकेडमिक मेरिट के आधार पर करने के लिए अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में 15वां संशोधन कर दिया गया।
इसके आधार पर बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी या उर्दू बीटीसी और टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए 9770 सहायक अध्यापकों की भर्ती 8 अक्तूबर 2012 में निकाली गई। इसमें चयनित शिक्षक फरवरी 2013 से पढ़ा रहे हैं। इसके बाद फिर 16वां संशोधन करते हुए 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2012 में विज्ञापन जारी किया।
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