बीटीसी काउंसिलिंग में बदलेंगे नियम, निजी कॉलेजों को खुद सीटें भरने का मौका देने पर बनी सहमति, परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अगले सप्ताह भेज रही प्रस्ताव
इलाहाबाद : बेसिक टीचर्स सर्टिफिकेट यानी बीटीसी 2016 में प्रवेश के नियम बदलने की लगभग सहमति बन गई है। शासन की मंजूरी के बाद ही इसका औपचारिक एलान होगा। फिलहाल परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय बीटीसी का दाखिला शुरू कराने का खाका खींचने में जुटा है। साथ ही नियमों में बदलाव का प्रस्ताव अगले सप्ताह शासन को भेज जाने की तैयारी है, ताकि दाखिले की प्रक्रिया नये साल में शुरू कराई जा सके।
प्रदेश में बीटीसी निजी कॉलेजों की भरमार होने के बाद से वहां दाखिले को लेकर हर बार विवाद हो रहा है। इस बार तो आगरा समेत कई जिले में जिलाधिकारी को हस्तक्षेप करके कलक्ट्रेट कर्मचारियों को लगाकर कॉलेजों का आवंटन किया गया। इसके अलावा निजी कॉलेज यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान यानी डायट के प्राचार्य उनकी सीटें भरने में रुचि नहीं दिखाते इसीलिए सीटें खाली रह जाती हैं। 2015 की बीटीसी काउंसिलिंग में तो परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने डायट प्राचार्यो को निर्देश दिया था कि वह अंतिम तीन दिन निजी कॉलेजों को अपनी शेष सीटें भरने का मौका दें। हालांकि इसका कहीं अनुपालन नहीं हुआ।
सूबे में निजी कॉलेजों की संख्या और बढ़ने जा रही है, इससे समस्या गंभीर हो सकती है। इससे बचने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने बीटीसी 2016 के नये दाखिले में नियमों में बदलाव के लिए पिछले दिनों बैठक की थी। इसमें यह सहमति बनी है कि निजी कॉलेजों को अपनी सीटें भरने का मौका दिया जाए। पहले ऑनलाइन काउंसिलिंग पर मंथन हुआ इसमें वेबसाइट एवं अन्य दिक्कतों के कारण विभाग पीछे हट गया। निजी कॉलेज जब अपनी सीटें भरेंगे तो डायट प्राचार्य व अन्य अफसर पूरी निगरानी करेंगे, ताकि कोई गड़बड़ी नहीं हो, लेकिन इस कदम से सीटें खाली रहने व उनकी अनदेखी आदि के सवालों से अफसर बचे रहेंगे। सूत्रों की माने तो अगले सप्ताह यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
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