योग की शिक्षा पर सरकार तीन महीने में ले फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने कक्षा एक से आठ तक योग अनिवार्य करने की मांग संबंधी याचिकाएं निपटाईं
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह तीन महीने के भीतर फैसला ले कि वह कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए स्कूलों में योग अनिवार्य करना चाहती है कि नहीं। कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ ही स्कूलों में योग की शिक्षा अनिवार्य किए जाने संबंधी याचिकाएं निपटा दीं।
मंगलवार को न्यायमूर्ति मदन बी. लोकूर की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील जेसी सेठ और वकील अश्वनी उपाध्याय की ओर से दाखिल दोनों याचिकाएं निपटा दीं। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह याचिकाओं को ज्ञापन मानते हुए तीन महीने में उन पर फैसला ले। पीठ ने यह भी कहा कि अगर इसके बाद याचिकाकर्ताओं को कोई शिकायत रहती है तो वे फिर कोर्ट आ सकते हैं। जेसी सेठ और अश्वनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दाखिल कर मांग की थी कि कक्षा एक से आठवीं तक के पाठ्यक्रम में योग को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
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