शिक्षक न तोड़ें अभिभावकों का भरोसा : बेसिक शिक्षामंत्री ने दी नसीहत, इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी का किया उदघाटन
इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से करीब 423 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। बहराइच के छात्र अंशुमान ने मौसम विज्ञान केंद्र का मॉडल बनाया तो श्रेयांश साहू ने सोलर पावर को इलेक्ट्रिक एनर्जी में बदलने का माडल दिखाया।
वाराणसी के सनबीम स्कूल की अन्नपूर्णा व मान्या खन्ना ने ध्वनि शक्ति को इलेक्ट्रिक पावर बिना बिजली के हाइड्रोलिक कार पाकिंर्ग, स्पीड ब्रेकर से बिजली बनाना एवं बायो टायलट का माडल दिखाया। दृष्टिहीनों के लिए बनाई गई छड़ी भी आकर्षण का केंद्र रही। समारोह के समापन से पहले निदेशक बेसिक शिक्षा दिनेश बाबू शर्मा ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
राज्य सरकार शिक्षकों की ट्रेनिंग से लेकर उनको अच्छा वेतन, बच्चों को किताबें, कपड़े, बर्तन, शूज व खाना सहित सब कुछ मुहैया करा रही है। फिर भी यदि बेसिक शिक्षा का स्तर गिर रहा है तो कमी शिक्षकों में है। इसमें सुधार करने की जरूरत है। यह बात बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन ने कही। वह गुरुवार को रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल में शुरू हुई राज्य स्तरीय इंस्पायर अवार्ड विज्ञान प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट प्रतियोगिता को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि शिक्षकों से कहा कि ईश्वर ने आपको बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। आप एक बच्चे का नहीं एक देश का भविष्य सुधार रहे हैं। आप उन अभिभावकों का भरोसा हैं, जिन्होंने आपके पास अपने बच्चों को छोड़ रखा है। उनका भरोसा न तोड़ें।
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी के आयोजन का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में विज्ञान के प्रति रुझान पैदा करना है। उन्होंने कहा कि मैं बेसिक शिक्षा मंत्री के तौर पर चाहता हूं कि इस मंच पर आकर सुदूरवर्ती सरकारी स्कूलों के पढ़ने वाले गरीब परिवारों के बच्चे भी आर्य भट्ट, डॉ. होमी जहांगीर भावा और अब्दुल कलाम बन कर देश और प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।
विज्ञान का शिक्षक न होने पर जताया अफसोस प्रदर्शनी में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे बेसिक शिक्षा मंत्री ने छात्र-छात्राओं की ओर से लगाए गए प्रोजेक्ट भी देखे और बच्चों से बातचीत भी की। उन्होंने कहा कि हमें दु:ख है कि कोई भी विज्ञान का शिक्षक, प्रदर्शनी में प्रोजेक्ट के पास अपने छात्र के साथ खड़ा नहीं मिला। यदि शिक्षक वहां होते तो छात्र का विश्वास बढ़ जाता। उन्होंने शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि आज संकल्प लें कि बच्चों को देश के भविष्य के लिए तैयार करेंगे। उन गरीब मां-बाप का विश्वास नहीं तोड़ंेगे जिन्होंने अपनी संताने आप के पास शिक्षा के लिए छोड़ी है।
छात्राओं ने मयूर नृत्य की प्रस्तुति से बटोरी वाहवाहीकार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर हुई। इस अवसर पर भारतीय बालिका इंटर कालेज की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। निदेशक बेसिक शिक्षा दिनेश बाबू शर्मा ने मुख्य अतिथि को पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। छात्राओं ने स्वागत गीत गाकर उनका स्वागत किया। वहीं राजकीय इंटर कॉलेज की छात्राओं ने मयूर रास नृत्य प्रस्तुत कर सबकी तालियां बटोरी।
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