बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को समग्र शिक्षा अभियान प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की मंजूरी, अब टैबलेट के जरिये परिषदीय स्कूलों की होगी निगरानी, अवकाश स्वीकृति में रुकेगा भ्रष्टाचार
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को समग्र शिक्षा अभियान प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की मंजूरी, अब टैबलेट के जरिये परिषदीय स्कूलों की होगी निगरानी, अवकाश स्वीकृति में रुकेगा भ्रष्टाचार
लखनऊ- निकट भविष्य में परिषदीय स्कूलों की निगरानी टैबलेट के जरिये होगी। शिक्षकों और बच्चों की हाजिरी भी टैबलेट के जरिये दर्ज होगी।छुट्टी के लिए शिक्षक टैबलेट के जरिये ही ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। स्कूलों की रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिए बेसिक शिक्षा विभाग सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लेगा। इसके लिए प्रत्येक परिषदीय स्कूल को टैबलेट मुहैया कराने का इरादा है।टैबलेट के जरिये स्कूलों की निगरानी के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को समग्र शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत चालू वित्तीय वर्ष में उप्र के लिए 9430 करोड़ रुपये की जो कार्ययोजना स्वीकृत की गई है, उसमें से 159 करोड़ रुपये की रकम टैबलेट के जरिये परिषदीय स्कूलों की निगरानी के लिए मंजूर की गई है। अभी बेसिक शिक्षा निदेशालय या शासन को परिषदीय स्कूलों के बारे में जो सूचना प्राप्त होती है, वह जिला स्तरीय होती है।
उसमें किसी स्कूल विशेष के बारे में तस्वीर साफ नहीं होती है। टैबलेट के जरिये निगरानी की व्यवस्था लागू होने पर प्रदेश के 1.61 लाख परिषदीय स्कूल विभाग के निगरानी तंत्र से जुड़ जाएंगे।
इसके लिए बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय में सेंट्रल सर्वर स्थापित किया जाएगा।
टैबलेट के इस्तेमाल की खातिर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुलभ कराने के लिए स्कूलों को डेटा पैक भी देने की मंशा है। अटेंडेंस में नहीं हो सकेगी हेराफेरीकोई प्रधानाध्यापक या शिक्षक स्कूल के बाहर रहकर टैबलेट के जरिये उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकेगा। स्कूल में मौजूद रहकर ही टैबलेट पर उपस्थिति दर्ज कराने पर स्कूल के जीपीएस कोआर्डिनेट के जरिये सेंट्रल पर रैंडम आधार पर मैसेज प्रदर्शित होंगे जिसमें स्कूल के किसी शिक्षक को कक्षा में पढ़ाते हुए अपनी फोटो अपलोड करने के लिए कहा जाएगा और उसे ऐसा करना होगा।
कई और फायदे भी होंगेजो शिक्षक अभिनव प्रयोग कर रहे हैं, उसे इस टैबलेट के माध्यम से सभी स्कूलों को सुलभ कराया जा सकेगा ताकि वे भी इसका इस्तेमाल कर सकें।
अन्य राज्यों में हुए नवाचार भी इस पर साझा किए जा सकेंगे। स्कूल में बच्चों के नामांकन की रोजाना प्रगति इसके जरिए देखी जा सकेगी।
शैक्षिक गुणवत्ता के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किये गए शाला सिद्धि कार्यक्रम को इससे लिंक किया जा सकेगा।
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को बांटी जाने वाली पाठ्यपुस्तकों पर अंकित क्यूआर कोड के जरिये विषय से संबंधित डिजिटल अध्ययन सामग्री प्राप्त करने में भी टैबलेट का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
शिक्षक-प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी इससे जोड़ा जा सकेगा। निदेशालय और शासन स्तर से बीएसए कार्यालय को भेजे जाने वाले आदेश व निर्देश ई-मेल के जरिये सीधे स्कूलों को भेजे जा सकेंगे।’
No comments:
Post a Comment