शैक्षिक सत्र 2025-26 हेतु निःशुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी के क्रय से सम्बन्धित धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (DBT) के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में अन्तरित करने हेतु आवश्यक तैयारियों के सम्बन्ध में।

22 लाख से ज्यादा प्रोन्नत बच्चों का सत्यापन नहीं, कैसे हो DBT?  बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बीएसए को तत्काल सत्यापन के दिए निर्देश

अभिभावकों के खाते में बैग, यूनीफार्म, जूते-मोजे के लिए डीबीटी होते हैं 1200 रुपये


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों को यूनीफार्म, बैग, जूता-मोजा के लिए की जाने वाली 1200 रुपये की डीबीटी यूं ही नहीं पिछड़ रही है। इसके पीछे विभाग की ही हीलाहवाली सामने आई है। पता चला है कि अभी तक पिछले सत्र से प्रोन्नति पाने वाले 22 लाख से अधिक बच्चों का सत्यापन ही नहीं हो पाया है। ऐसे में डीबीटी की प्रक्रिया कैसे पूरी की जा सकती है।

अमर उजाला ने दो मई के अंक में परिषदीय विद्यालयों में सत्र शुरू हुए एक माह बीता, नहीं भेजे ड्रेस के पैसे शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जानकारी के अनुसार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की। साथ ही जल्द से जल्द इससे जुड़ी आवश्यक तैयारियों को पूरा करने का निर्देश दिया है।

इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग के उप शिक्षा निदेशक (प्राइमरी) संजय कुमार उपाध्याय ने सभी बीएसए से कहा है कि बचे हुए बच्चों के सत्यापन की कार्यवाही विभिन्न स्तर पर तुरंत पूरी करें ताकि नए सत्र 2025-26 के लिए यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा व स्टेशनरी के लिए डीबीटी की कार्यवाही पूरी की जा सके।



शैक्षिक सत्र 2025-26 हेतु निःशुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी के क्रय से सम्बन्धित धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (DBT) के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में अन्तरित करने हेतु आवश्यक तैयारियों के सम्बन्ध में


शैक्षिक सत्र 2025-26 हेतु निःशुल्क यूनीफार्म, स्वेटर, स्कूल बैग, जूता-मोजा एवं स्टेशनरी के क्रय से सम्बन्धित धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (DBT) के माध्यम से सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के खाते में अन्तरित करने हेतु आवश्यक तैयारियों के सम्बन्ध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:56 AM Rating: 5

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