विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने एवं ड्रॉप आउट को कम करने के सम्बन्ध में।


30 दिन से अधिक गैर-हाज़िर बच्चे को माना जाएगा ड्रॉपआउट, शासन ने ड्रॉपआउट रोकने के लिए मानक और कड़े किए, पहले 45 दिन पर माना जाता था, घर जाकर अभिभावकों को समझाएंगे शिक्षक-हेडमास्टर


लखनऊ : स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने एवं ड्रॉपआउट घटाने के लिए शासन ने मानक और कड़े किए हैं। बेसिक स्कूलों में पढ़ने वाला कोई बच्चा एक शैक्षणिक सत्र में अगर बिना बताए 30 दिन से ज्यादा गैर-हाजिर रहता है और वार्षिक मूल्यांकन या निपुण असेसमेंट टेस्ट में (NAT) में 35% से कम अंक हासिल करता है तो उसे ड्रॉप आउट माना जाएगा। ऐसे बच्चे को स्कूल से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। 


अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को संशोधित निर्देश भेजते हुए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। बेसिक शिक्षा विभाग ने पिछले साल 6 जुलाई को ड्रॉप आउट का जो मानक तय किया था उसके अनुसार 6-14 आयु वर्ग का कोई बच्चा ड्रॉप आउट माना जाएगा जो स्कूल में नामांकित न हुआ हो या नामांकित होने के बाद बिना पूर्व सूचना के 45 दिनों तक अनुपस्थित हो। बच्चों के ड्रॉप आउट को कम करने के लिए शासन ने गैप को और घटा दिया है।


आदेश में कहा गया है कि अगर कोई बच्चा बिना वजह 3 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहे तो बुलावा टोली घर जाए।

बच्चे को स्कूल लाकर उसके लिए रेमेडियल क्लास चलाएं। 6 से ज्यादा बिना सूचना के गायब है तो हेडमास्टर घर जाएं व बच्चे के स्कूल में आने तक लगातार फॉलोअप करें।

जो बच्चा महीने में 6 दिन, तीन महीने में 10 दिन और छह महीने में 15 दिन बिना सूचना के अनुपस्थित है तो उसे संभावित ड्रॉपआउट मानकर अभिभावकों की नियमित काउंसलिंग की जाए। यह काउंसलिंग घर पर भी और पैरंट्स-टीचर मीटिंग दोनों ही स्तरों पर की जाएगी। 

अगर कोई बच्चा नौ महीने में 21 दिन बिना सूचना के नहीं आया है तो उसे अति संभावित ड्रॉपआउट माना जाएगा।

शैक्षिक सत्र में 30 दिन अनुपस्थित है लेकिन NAT में उसे 35% से अधिक अंक मिले हैं तो उसे भी अति संभावित ड्रॉपआउट मानकर अनुपस्थिति के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा। उसे दूर कर बच्चे को स्कूल लाने एवं शैक्षिक प्रदर्शन सुधारने की दिशा में काम किया जाएगा।



विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने एवं ड्रॉप आउट को कम करने के सम्बन्ध में








विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने एवं ड्रॉप आउट को कम करने के सम्बन्ध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:48 AM Rating: 5

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