भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की तर्ज पर परिषदीय और कस्तूरबा स्कूलों के बच्चे बनेंगे खिलाड़ी, 10 दिन का शिविर होगा, 134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
पढ़ाई के साथ खेलों में भी 'नवाब' बनेंगे बच्चे, स्कूलों को खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाने के लिए 134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
स्कूलों को खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाने के लिए 134 करोड़ बजट आवंटित
गांवों से निकलेंगे चैंपियन, भारतीय खेल प्राधिकरण की तर्ज पर मिलेगा प्रशिक्षण
लखनऊः 'पढ़ोगे-लिखोगे होगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब।' इस कहावत को बदलते हुए अब प्रदेश में स्कूली बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलों में भी आगे बढ़ाने की तैयारी है। स्कूलों को खेल प्रतिभाओं की नर्सरी बनाने के लिए पहली बार प्रदेश में 1.34 लाख से अधिक प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों के लिए 134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इससे बच्चों को भारतीय खेल प्राधिकरण की तर्ज पर प्रशिक्षण मिलेगा। गांवों-कस्बों में छिपी खेल प्रतिभाओं को तलाश कर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार किया जा सकेगा।
सरकार ने 86,764 प्राथमिक विद्यालयों के लिए 43 करोड़ रुपये, 45,245 उच्च प्राथमिक स्कूलों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के लिए 45 करोड़ रुपये और दो हजार से अधिक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के लिए पांच करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है। इसके साथ ही 'एक केजीबीवी, एक खेल' योजना के लिए 19.41 करोड़ रुपये, ओपेन जिम-खेल के सामान के लिए 14.92 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविरों के लिए 5.33 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
हर प्राथमिक विद्यालय को पांच हजार, जूनियर हाई स्कूल और केजीबीवी को 10 हजार और सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 25 हजार रुपये खेल का सामान खरीदने के लिए दिए जाएंगे। राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले अंडर-14, 17 और 19 आयु वर्ग के खिलाड़ियों को अब सीधे प्रतियोगिता में नहीं भेजा जाएगा।
पहले उन्हें 10 दिवसीय तैयारी शिविर में प्रशिक्षण म दिया जाएगा। यह शिविर साई की तर्ज पर मंडल स्तर पर आयोजित होंगे। इसके लिए 100 से अधिक नामांकन वाले उच्च प्राथमिक ि विद्यालयों में पहले से ही शारीरिक शिक्षकों की तैनाती की जा चुकी है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि यह योजना बच्चों के संपूर्ण विकास की दिशा में बड़ा कदम है। बच्चों में आत्मविश्वास, ि अनुशासन और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। वहीं, स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया के अध्यक्ष तथा अपर मुख्य सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने कहा कि फेडरेशन के प्रविधानों के अनुरूप बच्चों को ि सुविधाएं और प्रशिक्षण दिए जाएंगे।
भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की तर्ज पर परिषदीय और कस्तूरबा स्कूलों के बच्चे बनेंगे खिलाड़ी, 10 दिन का शिविर होगा, 134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों के छात्रों व कस्तूरबा बालिका विद्यालय की छात्राओं को विभिन्न खेलों के लिए तैयार किया जाएगा। इसके तहत अब विद्यालयों में खेलों की व्यवस्था के लिए स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा चयनित खेलों में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) जैसी तैयारी कराई जाएगी। नए सत्र में इसके लिए 134 करोड़ का बजट भी आवंटित किया है।
इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों में छिपी प्रतिभा को खोजने, तराशने और बड़े मंच तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों, जूनियर हाईस्कूल व केजीबीवी में एक विद्यालय एक खेल योजना को प्रभावी बनाया जाएगा। इसके साथ ही विद्यालयों में खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी और ओपेन जिम भी बनाए जाएंगे। बच्चों को राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए अंडर 14, अंडर 17 और अंडर 19 आयु वर्ग में छात्रों का चयन किया जाएगा। इसके बाद उनके लिए 10 दिन का विशेष शिविर आयोजित किया जाएगा। इसमें खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मानसिक व शारीरिक रूप से तैयार किया जाएगा। इससे युवाओं में आपसी सामंजस्य भी बढ़ेगा।
भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की तर्ज पर परिषदीय और कस्तूरबा स्कूलों के बच्चे बनेंगे खिलाड़ी, 10 दिन का शिविर होगा, 134 करोड़ रुपये का बजट आवंटित
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
8:23 AM
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