शिक्षक भर्ती के प्रमाणपत्र पर सवाल, शासन ने दो प्रमाणपत्रों के आधार पर वेतन भुगतान के दिए निर्देश, प्रमाणपत्रों का अब तक सत्यापन नहीं हो सका

इलाहाबाद : सूबे के आगरा विश्वविद्यालय की बीएड डिग्रियां फर्जी मिल रही हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमश: 72825 एवं 29334 अभ्यर्थियों की भर्तियां हुई हैं। इसमें चयनित कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने आगरा की बीएड डिग्री का उपयोग किया है, लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारियों की अनदेखी से अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है। किसी तरह से नवनियुक्त शिक्षकों का वेतन तो जारी हो गया है, लेकिन शैक्षिक प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच अब तक नहीं हो सकी है।

परिषदीय विद्यालयों में पिछले वर्षो में तैनाती पाने वाले अधिकांश उन युवाओं को मौका मिला है, जिन्होंने बीएड के साथ टीईटी उत्तीर्ण किया था। चयनित होने वाले अभ्यर्थी प्रदेश भर से हैं। इधर कुछ विश्वविद्यालयों की डिग्रियों पर सवाल उठे हैं और कई महकमों ने जांच में डिग्री फर्जी होना पाया भी है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग इस ओर से आंखें मूंदे हुए है।

असल में नवनियुक्त शिक्षकों को वेतन जारी करने के लिए अभिलेखों का सत्यापन होना जरूरी है और शिक्षकों की तादाद अधिक होने के कारण इसमें काफी समय लग रहा था, ऐसे में शासन ने किन्हीं दो प्रमाणपत्रों की सत्यता जांचने के बाद वेतन जारी करने का आदेश कर दिया। इस आदेश की आड़ लेकर अफसरों ने अब तक नए शिक्षकों के अन्य शैक्षिक अभिलेखों की जांच नहीं कराई है। खास बात यह है कि हरदोई, बरेली आदि के बीएसए ने अभिलेखों का सत्यापन कराया तो वहां अभिलेख फर्जी भी मिले हैं, लेकिन ऐसी तेजी अन्य बीएसए नहीं दिखा रहे हैं। हालत यह है कि अब तक सभी शिक्षकों के दो प्रमाणपत्रों का ही सत्यापन नहीं हो सका है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की स्थिति क्या होगी।

वैसे शासन के कई अफसरों ने अभिलेख सत्यापन का कार्य युद्धस्तर पर करने के कई आदेश जारी किए और माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अलग से कर्मचारी लगाकर कार्य कराया है, फिर भी सत्यापन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी है और कई दागी शिक्षक स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं।

शिक्षक भर्ती के प्रमाणपत्र पर सवाल, शासन ने दो प्रमाणपत्रों के आधार पर वेतन भुगतान के दिए निर्देश, प्रमाणपत्रों का अब तक सत्यापन नहीं हो सका Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:16 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.