बेसिक शिक्षा परिषद के मॉडल स्कूल खोलने की तैयारी : प्रशिक्षण के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे शिक्षक
- शिक्षा की नई इबारत लिखेंगे मॉडल स्कूल
- प्रयोग के तौर पर पहले लखनऊ और सैफई में खुलेंगे
- राजधानी लखनऊ के मड़ियांव में खोलने का विचार
- एससीईआरटी में 22 जिलों के शिक्षकों के साथ हुई बैठक
- प्रशिक्षण के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे शिक्षक
लखनऊ(ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को प्रशिक्षण के आधुनिक तरीकों से वाकिफ कराया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि देश दुनियां में बच्चों को कैसी शिक्षा दी जा रही है। शिक्षा व्यवस्था में और क्या-क्या सुधार की जरूरत है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण सामग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह जानकारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि इसके लिए टेस इंडिया (टीचर एजुकेशन थ्रू स्कूल बेस्ड सपोर्ट इन इंडिया) से करार किया गया है। एससीईआरटी निदेशालय में मंगलवार को इस संबंध में बैठक हुई। इसमें टेस इंडिया के सुशांत वर्मा, रोहित पलई और नीलम ढोभाल के अलावा प्रदेश के 22 जिलों के जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्राचार्य, वरिष्ठ प्रवक्ता और कुछ जिलों के शिक्षक भी शामिल हुए। टेस इंडिया देश के सात राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, असम और पश्चिम बंगाल के शिक्षकों को प्रशिक्षण सामग्री के साथ आधुनिक जानकारियां देगा और मेटेरियल उपलब्ध कराएगा। एससीईआरटी निदेशालय में हुई बैठक में शिक्षकों और डायट प्राचार्यों से प्रशिक्षण के संबंध में चर्चा की गईं तथा कुछ जरूरी जानकारियां दी गईं।
लखनऊ। लकदक बिल्डिंग..., उसमें कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई..., स्कूल में मानक के अनुरूप शिक्षक और पढ़ाई की बेहतर व्यवस्था, वह भी सरकारी स्कूलों में। चौंक गए न। जी हां, उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के मॉडल स्कूल खोले जाएंगे। इन स्कूलों में कक्षा आठ तक की शिक्षा दी जाएगी। प्रयोग के तौर पर पहले इसे लखनऊ और सैफई में खोला जाएगा। इसके बाद प्रदेश के सभी जिलों में इसे खोलने की योजना है।
उत्तर प्रदेश में कक्षा आठ तक की शिक्षा देने की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा परिषद के पास है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल खोले जाते हैं। मानक के अनुसार प्रत्येक एक किलोमीटर पर एक प्राइमरी और तीन किलोमीटर पर एक उच्च प्राइमरी स्कूल खोलने की व्यवस्था है। वैसे तो प्रदेश में लाखों स्कूल हैं, पर राज्य सरकार कुछ मॉडल स्कूल खोलना चाहती है। इन स्कूलों में सभी सुविधाएं होंगी। मसलन, पढ़ाई के साथ छात्रावास की भी व्यवस्था होगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने राजकीय निर्माण निगम से इसके लिए डिजाइन तैयार करवाया है। इसके मुताबिक एक स्कूल के निर्माण पर तीन से चार करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया है, लेकिन इसकी लागत घट बढ़ सकती है।
राज्य सरकार पहले मॉडल स्कूलों का निर्माण अपने खर्च पर कराएगी। सफल संचालन के बाद इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान से पैसे की मांग की जाएगी। इसमें कक्षा एक से आठ तक की कक्षाओं के लिए अलग-अलग कमरे होंगे। स्टाफ रूम के अलावा प्रधानाध्यापक कक्ष भी होगा। छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षकों और स्टाफ के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था होगी। स्कूल परिसर में ही बच्चों के लिए खेल का मैदान होगा। इंडोर गेम के लिए भी हाल बनाए जाएंगे। इन मॉडल स्कूलों में चुनिंदा शिक्षकों को तैनाती दी जाएगी ताकि बच्चों को प्राइवेट स्कूलों के टक्कर की शिक्षा मिल सके। बच्चे कैसी शिक्षा पा रहे हैं इसका सतत मूल्यांकन भी कराया जाएगा ताकि पढ़ाई की स्थिति की जानकारी मिल सके।
राजधानी के मड़ियांव में मॉडल स्कूल खोलने की योजना है। इसका निरीक्षण करने
बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी, राज्य मंत्री योगेश प्रताप सिंह,
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार, बेसिक शिक्षा निदेशक वासुदेव यादव
के साथ अन्य अधिकारी बुधवार को मौका मुआयना करने जा सकते हैं। इसके लिए
तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। लोकेशन और सबकुछ ठीकठाक मिला तो इस स्थल पर
मॉडल स्कूल का निर्माण किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा परिषद के मॉडल स्कूल खोलने की तैयारी : प्रशिक्षण के आधुनिक तरीकों से रूबरू होंगे शिक्षक
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
3:39 PM
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