बेसिक शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर
• आचार संहिता के चलते फंसा शासनादेश
• करीब 50,000 शिक्षकों को मिलेगा लाभ
• करीब 50,000 शिक्षकों को मिलेगा लाभ
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पदोन्नति
पाने के बाद भी वेतन विसंगति का दंश झेल रहे शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई
है। बेसिक शिक्षा विभाग के वेतन विसंगति संबंधी समस्याओं को दूर करने
संबंधी प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंजूरी दे दी है। शिक्षक,
स्नातक निर्वाचन की आचार संहिता लागू होने की वजह से इसका शासनादेश आयोग से
अनुमति लेने के बाद ही जारी किया जा सकेगा।
राज्य
सरकार के इस निर्णय से बेसिक शिक्षा विभाग के करीब 50,000 शिक्षकों को लाभ
मिलेगा। उनके वेतन में प्रतिमाह 2000 से 3500 का इजाफा की संभावना है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर लखनऊ
में धरना दिया था। इसमें वेतन विसंगति दूर करने संबंधी प्रमुख मांग थी।
शिक्षक संघ के अध्यक्ष लल्लन मिश्र ने बताया कि पांच साल की सेवा पर
प्राथमिक स्कूलों का प्रधानाध्यापक और उच्च प्राइमरी स्कूलों का सहायक
अध्यापक शिक्षक बनता है। पदोन्नति पाने वाले इन शिक्षकों को 4600 या 4800
रुपये ग्रेड पे दिया जाता है। जबकि सीधी भर्ती में नियुक्ति पाने वाले
शिक्षकों को भी यही वेतनमान दिया जाता है। यह वेतन विसंगति वर्ष 2010 से
चली आ रही थी। दावा किया मुख्यमंत्री ने वेतन विसंगति दूर करने की अनुमति
दे दी है। आयोग से अनुमति के बाद इस संबंध में शासनादेश जारी करने की
तैयारी है।
खबर साभार : अमर उजाला
बेसिक शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:00 AM
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5 comments:
very good decision,(pramod kumar)
Good decision but matter samagh me nahi aa raja hai.....
kya sarkar bhi yahi chah rahi thhi ki achaar sanhita ka hawala deke ise roke rakha jaay
good news
good news
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