लटक सकता है शिक्षामित्रों का समायोजन
- बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली जारी करने में जुटे अफसर हुए बेबस
- चुनाव आयोग से आये पत्र ने फंसाया पेंच
लखनऊ । सूबे के बेसिक शिक्षा परिषद में अध्यापनरत शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक पदों पर समायोजन को लेकर मामला पेचीदा हो गया है। प्रदेश में चल रही विधान परिषद के शिक्षक- स्नातक चुनाव की प्रक्रिया के चलते लागू आदर्श आचार संहिता से बेसिक शिक्षा विभाग अभी तक सेवा नियमावली जारी नहीं कर सका है। मंगलवार को सेवा नियमावली जारी करने के लिए सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार अफसरों के साथ सचिवालय में जमे रहे लेकिन चुनाव आयोग की टिप्पणी ने फिर पेच फंसा दिया है।
अधिकारियों ने देर रात तक बैठक की और आयोग से विभाग के जवाब पर दोबारा से मांगी गयी जानकारी का जवाब तैयार करने में लगे रहे। सूत्रों का कहना है कि आयोग से पूछा है कि प्रदेश में चल रही चुनावी प्रक्रिया में शिक्षामित्रों के समायोजन को शुरू करना आदर्श आचार संहिता के दायरे में तो नहीं आ रहा है। आयोग से आये पत्र के बाद विभाग में नियमावली जारी करने को लेकर कवायद कर रहे अफसर बेबस हो गये। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का समायोजन का फैसला 28 जनवरी को लिया था। 14 फरवरी को समायोजन के लिए पात्रता में छूट देने के साथ नियमावली की मंजूरी मिल गयी। तीन दिन बाद 17 फरवरी को बेसिक शिक्षा विभाग में कैबिनेट के फैसले की जानकारी के साथ पत्रावली लौट आयी। इसके बाद नियमावली का गजट करने के लिए भाषा विभाग को पत्रावली भेजी गयी। गजट जारी होने के बाद ही सचिव बेसिक शिक्षा के स्तर से शासनादेश जारी कर निदेशक बेसिक शिक्षा व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के अफसरों को निर्देश दिये जाते लेकिन मामला चुनाव आचार संहिता लागू होने से लटक गया।
सूत्रों का कहना है कि विधान परिषद चुनाव की प्रक्रिया के दौरान ही आम चुनाव का एलान होना तय है। ऐसे में फिर तकरीबन तीन महीनों के लिए कोई भी नया काम शुरू नहीं किया जा सकेगा। विभाग के अधिकारी लगे हैं कि लोकसभा चुनाव घोषित होने से पहले ही विधान परिषद चुनाव के दौरान ही आयोग से मंजूरी मिल जाए ताकि सरकारी फैसलों की मंशा के अनुरूप समायोजन की प्रक्रिया चालू की जा सके।
अधिकारियों ने देर रात तक बैठक की और आयोग से विभाग के जवाब पर दोबारा से मांगी गयी जानकारी का जवाब तैयार करने में लगे रहे। सूत्रों का कहना है कि आयोग से पूछा है कि प्रदेश में चल रही चुनावी प्रक्रिया में शिक्षामित्रों के समायोजन को शुरू करना आदर्श आचार संहिता के दायरे में तो नहीं आ रहा है। आयोग से आये पत्र के बाद विभाग में नियमावली जारी करने को लेकर कवायद कर रहे अफसर बेबस हो गये। प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों का समायोजन का फैसला 28 जनवरी को लिया था। 14 फरवरी को समायोजन के लिए पात्रता में छूट देने के साथ नियमावली की मंजूरी मिल गयी। तीन दिन बाद 17 फरवरी को बेसिक शिक्षा विभाग में कैबिनेट के फैसले की जानकारी के साथ पत्रावली लौट आयी। इसके बाद नियमावली का गजट करने के लिए भाषा विभाग को पत्रावली भेजी गयी। गजट जारी होने के बाद ही सचिव बेसिक शिक्षा के स्तर से शासनादेश जारी कर निदेशक बेसिक शिक्षा व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के अफसरों को निर्देश दिये जाते लेकिन मामला चुनाव आचार संहिता लागू होने से लटक गया।
सूत्रों का कहना है कि विधान परिषद चुनाव की प्रक्रिया के दौरान ही आम चुनाव का एलान होना तय है। ऐसे में फिर तकरीबन तीन महीनों के लिए कोई भी नया काम शुरू नहीं किया जा सकेगा। विभाग के अधिकारी लगे हैं कि लोकसभा चुनाव घोषित होने से पहले ही विधान परिषद चुनाव के दौरान ही आयोग से मंजूरी मिल जाए ताकि सरकारी फैसलों की मंशा के अनुरूप समायोजन की प्रक्रिया चालू की जा सके।
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
लटक सकता है शिक्षामित्रों का समायोजन
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
9:00 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment