शिक्षकों, संसाधनों की कमी पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस


  • शीर्ष कोर्ट का ग्रीष्मावकाश के बाद जवाब दाखिल करने का निर्देश
  • नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है याचिका
नई दिल्ली । देशभर के स्कूलों में शिक्षकों और संसाधनों की कमी के चलते शिक्षा के अधिकार कानून (आरटीई) के उल्लंघन के आरोप पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों से जवाब तलब किया है। याचिका में इस कानून पर सही तरीके से अमल कराने के लिए सरकारों को निर्देश जारी करने की मांग की गई है।

चीफ जस्टिस पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी करते हुए ग्रीष्मावकाश के बाद उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। यह याचिका नेशनल कोलीशन फॉर एजुकेशन संगठन ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि संसाधनों की कमी और शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों को लागू करने में विफलता के कारण शिक्षा के क्षेत्र में काफी गिरावट हुई है। बेंच के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंसालविस ने सभी राज्यों को छह महीने के भीतर दूरद राज इलाकों का अध्ययन करने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया।

साथ ही कहा कि यह प्रक्रि या पूरी होने के बाद छह महीने के लिए नए स्कूलों का निर्माण होना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए एक साल के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पेशेवर तरीके से प्रशिक्षित एक लाख शिक्षकों की भर्ती करनी चाहिए। राज्यों को सभी खस्ताहाल स्कूलों में उचित संचरात्मक व्यवस्था करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि राज्यों को इस तथ्य का खुलासा करना चाहिए कि शिक्षा का अधिकार कानून के प्रावधानों के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे के अंतर्गत कितने छात्रों को प्रवेश दिया गया है।



खबर साभार :राष्ट्रीय सहारा


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शिक्षकों, संसाधनों की कमी पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस Reviewed by Brijesh Shrivastava on 8:07 PM Rating: 5

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