नौकरी बदलने पर नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन : हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ का फैसला
खबर साभार : अमर उजाला
दूसरे विभाग में प्रतिनियुक्ति के लिए इस्तीफा देने पर मूल विभाग से
कर्मचारी का अधिकार समाप्त हो जाता है। ऐसे में कर्मचारी पूर्व विभाग में
अपने किए कार्य के आधार पर पेंशन पाने का अधिकारी नहीं होगा। यह आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चन्द्रचूड व न्यायमूर्ति सुनीत
कुमार की खंडपीठ ने दिया है।आनंद कुमार सक्सेना ने हाईकोर्ट में विशेष
अपील दाखिल की थी। वह शाहजहांपुर में जिला गन्ना अधिकारी के आफिस में
जूनियर क्लर्क के रूप में 28 अक्तूबर, 1970 को नियुक्त हुआ और 6 फरवरी,
1975 तक वह इस पद पर रहा। इसके बाद वह प्रतिनियुक्ति पर गन्ना विभाग में
आडिटर पद पर चला गया। 9 सितम्बर, 1983 को उसने क्लर्क के पद से इस्तीफा दे
दिया था। याची की मांग थी कि वर्ष 1970 से 1983 तक की गन्ना अधिकारी
कार्यालय में की गई सेवाओं के आधार पर उसे पेंशन दी जाए। हाईकोर्ट ने इस
अपील को खारिज कर दिया गया। न्यायालय ने सिविल सर्विस रेगुलेशन के नियम
418-ए को फैसले का आधार बनाया है। कहा कि इस प्रावधान के अन्तर्गत यदि कोई
कर्मचारी दूसरे विभाग में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद पूर्व विभाग से
अपना इस्तीफा दे देता है तो वह पूर्व विभाग की सेवाओं के आधार पर पेंशन
पाने का अधिकारी नहीं होगा।
खबर साभार : हिंदुस्तान |
नौकरी बदलने पर नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन : हाईकोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ का फैसला
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
9:06 AM
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