ईको फ्रेंडली कागज पर छपेंगी बच्चों की किताबें : मुफ्त किताब देने के लिए नीति जारी

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लखनऊ (ब्यूर)। सर्व शिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दी जाने वाली मुफ्त किताबों की छपाई इस बार ईको फ्रेंडली कागज पर कराई जाएगी। किताबों का मुख्य पृष्ठ व आखिरी पन्ने की छपाई ईको फ्रेंडली कागज पर होगी तथा अंदर के पन्नों की छपाई 60 ग्राम स्क्वायर मीटर (जीएसएम) के स्थान पर 70 जीएसएम पर होगी। सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने बुधवार को शैक्षिक सत्र 2015-16 में बच्चों को मुफ्त किताब देने के लिए नीति जारी कर दी है।
इसी तरह किताबों की चमक न्यूनतम 70 के स्थान पर 80 प्रतिशत होगी। किताबों की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज के मानक में कमी नहीं की जाएगी। आपूर्ति होने वाले किताबों के कागजों की जांच संबंधित एजेंसी से कराई जाएगी। अधोमानक कागज पर किताबों की छपाई करने वाले प्रकाशकों की कटौती की जाएगी। तीन साल तक यदि उसकी कटौती हुई तो उसे काली सूची में डाला जाएगा। प्रकाशकों को सत्र शुरू होने से पहले किताबों की आपूर्ति करनी होगी। किताबों की छपाई में गड़बड़ी करने वालों का साथ देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

खबर साभार : अमर उजाला





किताबों के प्रकाशन की नीति जारी कागज के मानक में हुआ बदलाव

लखनऊ (डीएनएन)। आखिरकार शासन ने शैक्षिक सत्र-2015-16 में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए निशुल्क किताबों के प्रकाशन की नीति बुधवार को जारी कर दी। इस बार परिषदीय, राजकीय एवं सहायता प्राप्त विद्यालयों में बच्चों को दी जाने वाली किताबों के कागज की गुणवत्ता काफी अच्छी होगी। बच्चों को सत्र शुरू होते ही किताबें उपलब्ध कराया जाना अनिवार्य होगा। प्रकाशक द्वारा मानक के विपरीत किताबों की आपूर्ति की गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। 
 
इस संबंध में सचिव बेसिक शिक्षा एचएल गुप्ता ने आदेश जारी कर दिया।सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों, राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं माध्यमिक विद्यालयों, समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित राजकीय व एडेड स्कूल तथा मदरसों में कक्षा 1 से 8 तक के सभी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के बालकों तथा सभी वर्ग की बालिकाओं को निशुल्क किताबें दिए जाने का प्रावधान है। इस बार भी 30 सितंबर के आधार पर करीब एक करोड़ 85 लाख बच्चों को किताबें मुहैया कराई जानी है। चूंकि अभी तक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों का शैक्षिक सत्र एक जुलाई से शुरू होता था, इसलिए किताबें छापने की प्रक्रिया जनवरी के अंत से शुरू की जाती थी। लेकिन इस बार शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होना है। बावजूद इसके बुधवार को किताबों के प्रकाशन की नीति जारी की गई। तय नीति केमुताबिक किताबों एवं कार्यपुस्तिकाओं की गुणवत्ता के लिए 60 जीसीएम की जगह 70 जीसीएम भार तथा ब्राइडिंग 70 प्रतिशत की जगह 80 प्रतिशत की जाएगी।

खबर साभार : डीएनए

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ईको फ्रेंडली कागज पर छपेंगी बच्चों की किताबें : मुफ्त किताब देने के लिए नीति जारी Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:18 AM Rating: 5

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