डीएड (DEd) डिग्री वालों को नौकरी मिलना तय : सुप्रीम कोर्ट में सरकार की विशेष याचिका खारिज होने के बाद नियुक्ति के अलावा और कोई रास्ता नहीं
इलाहाबाद। प्राइमरी स्कूलों में 10 हजार सहायक अध्यापकों
की भर्ती में डीएड (विशेष शिक्षा) को नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। सुप्रीम
कोर्ट में सरकार की एसएलपी खारिज होने के बाद अब बेसिक शिक्षा परिषद टीईटी
पास डीएड डिग्रीधारियों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी कर रहा है।
हालांकि यह प्रक्रिया पिछले साल ही पूरी हो चुकी है और इसमें 4970 पद खाली हैं। यही कारण है कि नियुक्ति पत्र उन्हीं अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे जिन्होंने 10 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन किया था।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए 15 अक्तूबर 2013 को दस हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। एनसीटीई और आरसीआई से मान्यता प्राप्त संस्थान से डीएड डिग्रीधारियों ने भर्ती में मौका देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका की थी। 5 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट ने डीएड डिग्रीधारियों को भर्ती में शामिल करने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी जो कि 13 जनवरी को खारिज हो गई। लिहाजा अब सरकार के पास डीएड को नौकरी देने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
अदूरदर्शिता से सरकार और अभ्यर्थियों की फजीहत : अफसरों की अदूरदर्शिता के कारण सरकार के साथ अभ्यर्थियों की भी फजीहत हो रही है।
हालांकि यह प्रक्रिया पिछले साल ही पूरी हो चुकी है और इसमें 4970 पद खाली हैं। यही कारण है कि नियुक्ति पत्र उन्हीं अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे जिन्होंने 10 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन आवेदन किया था।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बीटीसी, विशिष्ट बीटीसी और उर्दू बीटीसी अभ्यर्थियों के लिए 15 अक्तूबर 2013 को दस हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। एनसीटीई और आरसीआई से मान्यता प्राप्त संस्थान से डीएड डिग्रीधारियों ने भर्ती में मौका देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका की थी। 5 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट ने डीएड डिग्रीधारियों को भर्ती में शामिल करने के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी जो कि 13 जनवरी को खारिज हो गई। लिहाजा अब सरकार के पास डीएड को नौकरी देने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
अदूरदर्शिता से सरकार और अभ्यर्थियों की फजीहत : अफसरों की अदूरदर्शिता के कारण सरकार के साथ अभ्यर्थियों की भी फजीहत हो रही है।
डीएड (DEd) डिग्री वालों को नौकरी मिलना तय : सुप्रीम कोर्ट में सरकार की विशेष याचिका खारिज होने के बाद नियुक्ति के अलावा और कोई रास्ता नहीं
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:18 AM
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