स्कूलों में हों स्वच्छ टॉयलेट: सुप्रीम कोर्ट
नई
दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देश के सभी स्कूलों
में टॉयलेट साफ और पर्याप्त सुविधाओं से युक्त होना चाहिए। न्यायाधीश दीपक
मिश्र और प्रफुल्ल सी पंत की खंडपीठ ने कहा कि यह बात बिना किसी विरोधाभास
के कही जा सकती है कि स्कूलों में टॉयलेट वास्तविकता में टॉयलेट नहीं है,
बल्कि वह इसकी संरचना मात्र हैं। स्कूलों में टॉयलेट का मतलब पूरी तरह से
साफ और सभी सुविधाओं से परिपूर्ण होना चाहिए।
खंडपीठ द्वारा यह टिप्पणी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्कूल टॉयलेट की स्थिति पर दो रिपोर्ट देखने के बाद की गई। अदालत ने कहा कि इन दोनों राज्यों के अधिकारियों को सोचना चाहिए कि साफ और स्वच्छ टॉयलेट से बच्चों के स्वास्थ्य के स्तर में सुधार होगा। अदालत ने इन दोनों राज्यों के प्रशासन को चार हफ्ते के भीतर इस संबंध में एक योजना बनाने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी जेके राजू द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान आई है। उन्होंने इन राज्यों के स्कूलों में पीने के पानी और टॉयलेट को लेकर याचिका दायर की है।
खंडपीठ द्वारा यह टिप्पणी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में स्कूल टॉयलेट की स्थिति पर दो रिपोर्ट देखने के बाद की गई। अदालत ने कहा कि इन दोनों राज्यों के अधिकारियों को सोचना चाहिए कि साफ और स्वच्छ टॉयलेट से बच्चों के स्वास्थ्य के स्तर में सुधार होगा। अदालत ने इन दोनों राज्यों के प्रशासन को चार हफ्ते के भीतर इस संबंध में एक योजना बनाने का निर्देश दिया है। शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी जेके राजू द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के दौरान आई है। उन्होंने इन राज्यों के स्कूलों में पीने के पानी और टॉयलेट को लेकर याचिका दायर की है।
स्कूलों में हों स्वच्छ टॉयलेट: सुप्रीम कोर्ट
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:06 AM
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